किसानों तक पहुंचेंगी कम पानी में अधिक उपज देने वाली किस्में, ICAR ने बताया प्लान 

किसानों तक पहुंचेंगी कम पानी में अधिक उपज देने वाली किस्में, ICAR ने बताया प्लान 

प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए चुनौतियों का समय है. इसलिए कृषि वैज्ञानिक विकसित होने वाली तकनीक व सूचनाओं के एक्सचेंज को प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि किसानों का कृषि विकास केन्द्रों पर अटूट विश्वास है.

कम सिंचाई में होगी बंपर पैदावार. (सांकेतिक फोटो)कम सिंचाई में होगी बंपर पैदावार. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 16, 2024,
  • Updated Sep 16, 2024, 7:33 PM IST

किसानों की लागत कम करने और जलवायु अनुकूल किस्मों को उपलब्ध कराने के लिए ICAR के DDG डॉक्टर यूएस गौतम ने जोर दिया है. उन्होंने कहा कि देश में कुल 731 केवीके हैं जिनमें बीते वर्षों के दौरान 29 लाख से अधिक किसानों को कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने केवीके के जरिए कराए जाने वाले ट्रेनिंग को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों को अपनी कार्य पद्धति में सुधार करना होगा. उन्होंने किसानों की समस्याओं का समाधान करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीकी विकास, रिसर्च करने की बात कही. डॉक्टर यूएस गौतम हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के कृषि विज्ञान केन्द्रों की वार्षिक समीक्षा के दौरान बोल रहे थे.

डॉक्टर यूएस गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में कृषि क्षेत्र कि अहम भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के समक्ष चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों को अपनी कार्य पद्धति में सुधार करना होगा. उन्होंने किसानों की समस्याओं का समाधान करने एवं कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए तकनीकी विकास, शोध कार्य, विस्तार शिक्षा पद्धति को किसानों की फीडबैक के हिसाब से बेहतर ढंग से करने व साथ-साथ प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को कम पानी से अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों का प्रचार-प्रसार करना होगा. साथ ही उन्होंने किसानों के खेत पर तकनीक का प्रदर्शन के साथ-साथ केवीके पोर्टल पर मासिक प्रगति रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया.

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कृषि क्षेत्र के लिए चुनौतियों का समय

वहीं, प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए चुनौतियों का समय है. इसलिए कृषि वैज्ञानिक विकसित होने वाली तकनीक व सुचनाओं के एक्सचेंज को प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि किसानों का हकृवि एवं कृषि विकास केन्द्रों पर अटूट विश्वास है. केवीके के माध्यम से किसानों को समय-समय पर मौसम संबंधी जानकारी, फसल उत्पादन की एडवाइजरी, मिट्टी पानी की जांच सहित अन्य जानकारी दी जा रही हैं, जिससे फसल उत्पादन की लागत को कम करने में मदद मिल रही है. इसलिए वैज्ञानिक किसानों की समस्याओं के निराकरण एवं  कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें.

पेस्टीसाइड का अंधाधुंध प्रयोग

उन्होंने पेस्टीसाइड के अंधाधुंध प्रयोग को रोकने के लिए किसानों के साथ-साथ पेस्टीसाइड विक्रेताओं को भी प्रशिक्षण देने की बात कही. कार्यशाला में विभिन्न केवीके वैज्ञानिकों द्वारा पिछले साल किए गए कार्यों एवं कई गतिविधियों से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. आईसीएआर अटारी जोन-2 के निदेशक डॉ. जेपी मिश्रा ने कार्यशाला में सभी का स्वागत किया, जबकि केवीके जोधपुर के वैज्ञानिक डॉक्टर.बीएल जांगिड़ ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया. 

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