इंसानों की तरह सब्ज़ी फसलों को भी लगती है लू, इन लक्षणों से तुरंत पहचानें, इलाज भी पढ़ लें

इंसानों की तरह सब्ज़ी फसलों को भी लगती है लू, इन लक्षणों से तुरंत पहचानें, इलाज भी पढ़ लें

सब्जी के पौधे अगर झुलस गए हैं तो उसके बचाव में खादों का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि अधिक तेज धूप या गर्मी में फसल में खाद का प्रयोग न करें क्योंकि यह उलटा असर डाल सकता है. इससे पौधे जल सकते हैं या उनकी बढ़वार रुक सकती है. पौधों पर किसी तरह के केमिकल कीटनाशक न छिड़कें. केमिकल खाद की जगह पौधों को जैविक खाद दे सकते हैं.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 01, 2025,
  • Updated May 01, 2025, 8:28 PM IST

इंसानों की तरह सब्जी की फसलों को भी लू लगती है. प्रचंड गर्मी में फसलें भी वैसे ही झुलस जाती हैं, जैसे इंसानों की हालत होती है. ऐसे में जिस तरह इंसान गर्मी और लू से खुद को बचाते हैं, उसी तरह फसलों को भी बचाना चाहिए. अगर समय रहते फसलों को लू और गर्मी से नहीं बचा पाएंगे तो वे मारी जाएंगी. इससे सीधा-सीधा नुकसान लागत का होगा और कमाई शून्य हो जाएगी. तो आइए फसलों पर गर्मी के प्रभाव, लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जान लेते हैं.

फसल को लू लगने के लक्षण

1. मुरझाई हुई या झुकी हुई पत्तियां: पानी की कमी और टर्गर दबाव में कमी के कारण पौधे मुरझा सकते हैं या झुक सकते हैं.

2. पत्तियों का झुलसना या जलना: पत्तियों पर भूरे या पीले धब्बे पड़ सकते हैं, या तेज गर्मी के कारण वे झुलस सकती हैं.

3. बढ़वार में कमी: अधिक तापमान पौधों की वृद्धि को धीमा कर सकता है, जिससे उपज और पैदावार कम हो सकती है.

4. फलों को नुकसान: गर्मी के तनाव के कारण फलों का आकार बिगड़ सकता है, रंगहीन हो सकते हैं या समय से पहले गिर सकते हैं.

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फसलों को लू लगने के कारण

1. उच्च तापमान: 35 डिग्री सेल्सियस (95 डिग्री फारेनहाइट) से अधिक तापमान कई बागवानी फसलों में गर्मी के तनाव का कारण बन सकता है.

2. सूखा: पानी का तनाव गर्मी के तनाव को बढ़ा सकता है, जिससे पौधों को नुकसान होने की अधिक संभावना होती है.

3. बहुत तेज धूप: बिल्कुल सीधा सूर्य का प्रकाश, विशेष रूप से उच्च तापमान के साथ, पौधों की झुलसन का कारण बन सकता है.

फसलों को इस तरीके से बचाएं

1. पौधों को छाया दें: सीधे सूर्य के प्रकाश और गर्मी के तनाव को कम करने के लिए कपड़े या अन्य जीचों का उपयोग करते हुए छाया दें.

2. सिंचाई का काम: पर्याप्त पानी की सप्लाई बनाए रखें, लेकिन अधिक पानी देने से बचें, जो गर्मी के तनाव को बढ़ा सकता है.

3. मल्च का उपयोग करें: मल्च मिट्टी की नमी को बनाए रखने, मिट्टी के तापमान को कम करने और पानी की हानि को रोकने में मदद कर सकता है.

4. गर्मी सहने वाली किस्मों का चयन करें: ऐसी फसल किस्मों का चयन करें जो गर्मी सहन करने और गर्मी के तनाव को सहने के लिए तैयार की गई हों.

5. कूलिंग सिस्टम लागू करें: तापमान को कम करने और गर्मी के तनाव को कम करने के लिए कूलिंग सिस्टम, जैसे कि धुंध या फॉगिंग सिस्टम का उपयोग करें.

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समझदारी से डालें खाद

सब्जी के पौधे अगर झुलस गए हैं तो उसके बचाव में खादों का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि अधिक तेज धूप या गर्मी में फसल में खाद का प्रयोग न करें क्योंकि यह उलटा असर डाल सकता है. इससे पौधे जल सकते हैं या उनकी बढ़वार रुक सकती है. पौधों पर किसी तरह के केमिकल कीटनाशक न छिड़कें. केमिकल खाद की जगह पौधों को जैविक खाद दे सकते हैं. हालांकि आपको कंपोस्ट, डीएपी और यूरिया जैसी खादों से बचना है. सबसे अच्छा है आप पौधों में कोकोपिट का इस्तेमाल करें. यह नारियल की खाद है जो पौधों को ठंडक देने के साथ ही खाद का काम करती है.

 

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