Fertilizer Crisis: खाद के लिए गोदामों के चक्कर लगा रहे किसान, इधर खेतों में मक्का और सोयाबीन का बुरा हाल

Fertilizer Crisis: खाद के लिए गोदामों के चक्कर लगा रहे किसान, इधर खेतों में मक्का और सोयाबीन का बुरा हाल

खरीफ के मौसम में खाद की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है. आपको बता दें हरदा जिले के किसान भी यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. जिले के किसानों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल रही है. किसान खाद के लिए बार-बार एमपी एग्रो और विपणन संघ के गोदामों के चक्कर लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस साल मक्का की फसल का रकबा बढ़ा है.

खाद की कमी से किसान परेशानखाद की कमी से किसान परेशान
क‍िसान तक
  • Harda,
  • Aug 06, 2025,
  • Updated Aug 06, 2025, 11:37 AM IST

मध्य प्रदेश के हरदा ज़िले में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं. हालात ये हैं कि खेतों में खड़ी फसल डेढ़ महीने से ज़्यादा पुरानी हो चुकी है और यूरिया न मिलने से फसल खराब हो रही है. हमारे संवाददाता ने रात 12 बजे मौके पर पहुंचकर किसानों से बात की. हरदा जिले के किसानों ने बताया कि वे यूरिया खाद के लिए लाइन में लगे हैं, लेकिन अभी तक कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.

यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे लोग

हरदा जिले के किसान भी यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. जिले के किसानों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल रही है. किसान खाद के लिए बार-बार एमपी एग्रो और विपणन संघ के गोदामों के चक्कर लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस साल मक्का की फसल का रकबा बढ़ा है. फसल लगभग डेढ़ से दो महीने की हो गई है, लेकिन अभी तक खाद नहीं डाली गई है, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा.

आवश्यक मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं

किसान भीमराज गौर का कहना है कि प्रति हेक्टेयर आवश्यक मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिससे मक्का और सोयाबीन की फसल का उत्पादन प्रभावित होगा. इस संबंध में कृषि उपसंचालक जवाहरलाल कास्दे ने बताया कि जिले में आवश्यकता 25 हजार मीट्रिक टन की है, जबकि अब तक 22 हजार मीट्रिक टन यूरिया आ चुका है. हरदा जिले में खाद न मिलने से किसान रात में लाइन में लग रहे हैं. एमपी एग्रो के गोदाम पर तय दिनों में सुबह 10:00 बजे खाद बांटी जानी है. लेकिन किसानों का कहना है कि कई बार लाइन में लगने के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिलती है, इसलिए वे रात में लाइन में लग रहे हैं.

घंटों खाद के लिए लाइन में लगे किसान

बूंददा के किसान सुभाष का कहना है कि वे 20 बोरी खाद के लिए करीब 6 घंटे से लाइन में लगे हैं और अभी 8 घंटे और लाइन में खड़ा रहना है. इसी तरह झालवा के किसान प्रमोद का कहना है कि रात में लाइन में लगने का फायदा यह है कि उन्हें सुबह जल्दी खाद मिल जाती है जो पीली पड़ने लगी है लेकिन अभी तक यूरिया खाद नहीं डाली गई है. जिससे फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. (लोमेश कुमार गौर का इनपुट)

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