फसलों की पैदावार बढ़ाने और लागत घटाने के लिए केंद्र सरकार नैनो उर्वरकों के इस्तेमाल पर जोर दे रही है. नैनो खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार राज्य स्तर पर प्रोत्साहन अभियान के तहत जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इसके चलते नैनो उर्वरकों की मांग में इजाफा देखा जा रहा है. सरकार नए स्थापित 10 नैनो फर्टिलाइजर प्लांट से उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में है.
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार भारत सरकार किसानों को नैनो उर्वरकों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रही है. इसके लिए देश में 6 नैनो यूरिया प्लांट और 4 नैनो डीएपी प्लांट स्थापित किए गए हैं. दोनों प्लांट से 500 मिली लीटर और 1000 मिलीलीटर की 37 करोड़ बोतलों के सालाना प्रोडक्शन की क्षमता है. पीएम मोदी ने 109 जलवायु अनुकूल किस्मों को लॉन्च किया है और फसलों के उत्पादन और लागत घटाने पर फोकस है. इसी कड़ी में इन नैनो प्लांट से उत्पादन बढ़ाने की योजना है.
मंत्रालय के अनुसार नैनो उर्वरकों के इस्तेमाल को लेकर किसानों में उत्सुकता है. इसके लिए देश में नैनो यूरिया का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से उर्वरक विभाग ने अपने सार्वजनिक उपक्रमों जैसे राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (NFL) और राष्ट्रीय केमिकल्स एवं उर्वरक लिमिटेड (RCF) को उत्पादन बढ़ाने और नैनो यूरिया प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया है. इसके अलावा नैनो यूरिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता शिविर, वेबिनार, नुक्कड़ नाटक, किसान सम्मेलन आदि करने को कहा गया है.
आंकड़े बताते हैं कि 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 'नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है. इन महिलाओं को नैनो उर्वरकों के इस्तेमाल और उसके फायदे किसानों को बताने के लिए कहा गया है. नमो ड्रोन दीदियों को 1094 ड्रोन भी उपलब्ध कराए गए हैं, जो नैनो उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल खेती में करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
उधर, उर्वरक विभाग ने उर्वरक कंपनियों के साथ मिलकर देश के सभी 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों में परामर्श और क्षेत्र स्तरीय प्रदर्शनों के जरिए से नैनो डीएपी को अपनाने के लिए महा अभियान शुरू किया है. इसके अलावा उर्वरक विभाग ने 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस के क्षेत्र स्तरीय प्रदर्शनों और जागरूकता कार्यक्रमों के लिए भी अभियान शुरू किया है.