
केंद्रीय उर्वरक विभाग ने देशभर में खाद सप्लाई चैन को दुरुस्त करने और किसानों तक सही समय पर गुणवत्तापूर्ण खाद पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा जारी किया है. विभाग ने बताया कि कालाबाजारी, जमाखोरी और खाद के अवैध डायवर्जन में शामिल पाए गए वितरकों और व्यापारियों के खिलाफ अब तक 4,298 लाइसेंस रद्द या निलंबित किए जा चुके हैं. इससे पहले कुल 8,777 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे और 547 एफआईआर विभिन्न राज्यों में दर्ज हो चुकी हैं.
खाद विभाग ने की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, यह अभियान केंद्र सरकार और राज्यों के बीच करीबी समन्वय के साथ चलाया गया, जिसमें जिला प्रशासन ने सघन छापेमारी, निरीक्षण और कानूनी कार्रवाई की. सरकार का कहना है कि इस सख्त निगरानी से बाजार अनुशासन मजबूत हुआ और किसानों को आवश्यक उर्वरक समय पर सुलभ कराए जा सके.
देशभर में कुल 3,17,054 निरीक्षण और छापे डाले गए जिनके आधार पर कई श्रेणियों में कार्रवाई दर्ज हुई. काले बाजारी से जुड़े मामलों में 5,119 नोटिस दिए गए, 3,645 लाइसेंस रद्द या निलंबित हुए और 418 एफआईआर दर्ज की गईं.
जमाखोरी के खिलाफ चलाए अभियान में 667 नोटिस जारी हुए, 202 लाइसेंसों पर कार्रवाई हुई और 37 एफआईआर हुईं. उर्वरक डायवर्जन के मामलों में 2,991 नोटिस दिए गए, 451 लाइसेंस रद्द या निलंबित हुए और 92 एफआईआर दर्ज की गईं. सभी कार्रवाइयां आवश्यक वस्तु अधिनियम और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत की गईं.
इसके अलावा मिलावटी और निम्न गुणवत्ता वाले उर्वरक की शिकायतों पर भी विभाग ने सख्ती दिखाई. राज्यों के साथ मिलकर 3,544 नोटिस उन मामलों में जारी हुए जिनमें खाद को संदिग्ध पाया गया. इनमें से 1,316 लाइसेंस रद्द या निलंबित किए गए और 60 एफआईआर दर्ज की गईं. विभाग ने बताया कि नियमित नमूना जांच और कई स्तरों पर लैब परीक्षण किए गए, ताकि बाजार से घटिया गुणवत्ता की सामग्री को पूरी तरह हटाया जा सके और किसानों तक सिर्फ मानक के अनुरूप उर्वरक ही पहुंचे.