Kechua Khad: केंचुआ खाद से किसान पा सकते हैं अच्छी पैदावार, बेहद सस्ता, जानें खेतों में इस्तेमाल करने के फायदे

Kechua Khad: केंचुआ खाद से किसान पा सकते हैं अच्छी पैदावार, बेहद सस्ता, जानें खेतों में इस्तेमाल करने के फायदे

डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि कंपोस्टिंग के लिए एक अंधेरे और हवादार जगह की जरूरत होती है. ऐसे स्थान पर 2 मीटर लम्बे और 1 मीटर चौड़े स्थान के चारों ओर एक मेड़ बना लें.

 केंचुए से खाद कैसे तैयार की जाए, इसका प्रशिक्षण किसान को दिया जा रहा है. केंचुए से खाद कैसे तैयार की जाए, इसका प्रशिक्षण किसान को दिया जा रहा है.
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Aug 04, 2023,
  • Updated Aug 04, 2023, 2:18 PM IST

हापुड़ जिले के किसान फसल की अच्छी पैदावार करने के लिए केंचुए से खाद बनाकर खेती कर रहे है. दरअसल, केंचुआ खाद को हम आम भाषा में वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) भी कहते हैं. हापुड़ में बाबूगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने किसान तक से बातचीत में बताया कि खेती में लगने वाले सभी अवयवों की कीमतें दिनों-दिन बढ़ रही हैं. इसके बाद भी किसानों को प्राकृतिक खेती के दौरान उतना मुनाफा नहीं मिल पाता, जितनी किसान को उम्मीद होती है. ऐसे में किसान कम लागत से तैयार होने वाली केंचुए से बनी खाद को इस्तेमाल कर सकता है. डॉक्टर अरविंद ने बताया कि फिलहाल शहरी क्षेत्र के किसान इस खाद का ज्यादा प्रयोग कर रहे है, जबकि गांव में इस प्रयोग करने का चलन अभी कम है. केंचुए से खाद कैसे तैयार की जाए, इसका प्रशिक्षण किसान को दिया जा रहा है.

प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसान द्वारा न सिर्फ केंचुए से खाद तैयार की जा सकती है, बल्कि केंचुओं की भी बिक्री कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि केंचुए से बनी खाद अगर किसान के द्वारा बनाकर अपने इस्तेमाल में लेने के बाद बिक्री भी की जाए, तो इसकी बिक्री भी काफी अच्छे दामों में होगी. इतना ही नहीं केंचुए से बनी खाद में अतिरिक्त प्रचुर मात्रा में जीवांश कार्बन, लाभकारी सूक्ष्मजीव व पौधों के लिए उपयोगी तत्व भी सम्मिलित हैं. सिंह ने बताया कि वर्मीकम्पोस्ट को बनाने में ज्यादा कीमत नहीं आती है. किसान इसे 4 रुपये प्रति किलो के रेट से खरीदकर अपने खेत में इसका इस्तमेल कर सकता है. अगर कई किसान खुद इस खाद को बनाता है तो 3 रुपये प्रति किलो लागत आती है. वहीं किसानों के लिए एक बड़ा रोजगार साबित हो सकता है केंचुआ खाद.

जानिए कैसे तैयार होता है केंचुआ खाद 

डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि कंपोस्टिंग के लिए एक अंधेरे और हवादार जगह की जरूरत होती है. ऐसे स्थान पर 2 मीटर लम्बे और 1 मीटर चौड़े स्थान के चारों ओर एक मेड़ बना लें. उस बनाए गए जगह पर केंचुआ और अन्य खाने के छिलके या पदार्थ को इककट्ठा कर लें.

नीचे की परत पर सड़ी हुई गोबर या वर्मीकम्पोस्ट मिलाकर कुछ मिट्टी फैला दें, ताकि प्रारंभिक अवस्था में केंचुओं को भोजन की दिक्कत ना हो. इसके बाद इसमें 40 से 60 केंचुए प्रति वर्ग फुट की दर से डाल दें. इसके बाद इसके ऊपर सब्जी के अवशेष आदि की एक परत डालकर 10-12 इंच मोटी परत बना दें. इसके बाद भूसा, सूखे पत्ते, गाय का गोबर, आधा सड़ा हुआ गोबर दूसरी परत के ऊपर रख दें. फिर हर परत के बाद उस पर हल्का पानी छिड़क दें. 

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सिंह के मुताबिक, कम्पोस्ट की आखिरी परत पर गोबर की 3-4 इंच मोटी परत डालकर ऊपर से ढक दें, ताकि केंचुए आसानी से ऊपर-नीचे हो अपनी प्रतिकृया कर सके. आपको बता दें रौशनी में केंचुओं की गति कम हो जाती है, जिससे खाद बनने में समय लग सकता है, इसलिए परत को ढकना आवश्यक है. 50 से 60 दिनों के बाद आपकी वर्मीकम्पोस्ट खाद बन कर तैयार हो जाएगी. सबसे ऊपरी परत को हटा दें और उसमें से केंचुओं को निकाल लें. इस प्रकार नीचे की परत को छोड़कर शेष खाद को इकट्ठा कर लें और केंचुओं को छलनी से छान कर अलग कर लें, ताकि केंचुए का इस्तेमाल आप दोबारा खाद बनाने में कर सकें.

क्या है केंचुआ खाद

प्राकृतिक रूप से खेत की उर्वरता बढ़ाने में केंचुओं का योगदान बढ़ रहा है. केंचुए का उपयोग करके जैविक खाद बनाई जाती है और इस खाद को वर्मीकम्पोस्ट खाद भी कहा जाता है. यह केंचुओं और अन्य कीड़े या फिर खाने के पदार्थों को सड़ा कर तैयार किया जाता है. इस खाद से बदबू नहीं आती और किसी प्रकार का कोई प्रदूषण इससे नहीं फैलता है. वर्मीकम्पोस्ट डेढ़ से दो महीने में तैयार हो जाता है। इसमें 2.5 से 3% नाइट्रोजन, 1.5 से 2% सल्फर और 1.5 से 2% पोटाश की मात्रा होती है.


 

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