मूली कच्ची सब्जी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उगाई जाती है. मूली स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. इसकी खेती कंद सब्जी के रूप में की जाती है. लोग मूली का इस्तेमाल कच्चे सलाद, सब्जी या अचार बनाने के लिए करते हैं. देश में मूली की खेती पूरे साल की जाती है क्योंकि इसकी फसल बहुत जल्दी तैयार हो जाती है. बीते कुछ सालों में मूली की मांग और दाम बढ़ते जा रहे हैं. इसे देखते हुए किसानों की रुचि मूली की खेती की ओर बढ़ रही है.
देश में मूली की कई वैरायटी की खेती की जाती है. वहीं अगर आप भी मूली की कुछ ऐसी ही किस्म की तलाश कर रहे हैं, तो आप मूली की हाइब्रिड किस्म काशी हंस की खेती कर सकते हैं. आइए बताते हैं कहां सस्ते में मिलेगा ये बीज और क्या है इस बीज की खासियत.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन मूली की उन्नत किस्म काशी हंस का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
काशी हंस मूली की किस्म सर्दियों के मौसम में उगाई जाती है. इस किस्म की फसल बुवाई के 45-60 दिन बाद ही तैयार हो जाती है. इसके पौधों की जड़ें नुकीली होती हैं और स्वाद हल्का मीठा होता है. इस किस्म के पौधों का प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 40-45 टन होता है.
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अगर आप भी काशी हंस किस्म की खेती करना चाहते हैं, तो इस बीज का 100 ग्राम का पैकेट फिलहाल 41 फीसदी की छूट के साथ 60 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से मूली की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
मूली की खेती के लिए ठंडी जलवायु अच्छी रहती है. मूली की बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए. इसमें खेत की पांच से छह बार जुताई करनी चाहिए. वहीं मूली की फसल के लिए गहरी जुताई की आवश्यकता होती है क्योंकि इसकी जड़ें भूमि में गहरी जाती हैं. गहरी जुताई के लिए ट्रैक्टर या मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई की जानी चाहिए. उसके बाद मूली के बीजों को तीन से चार सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए ताकि बीजों का जमाव ठीक से हो सके.