Saharanpur News: सहारनपुर के मेरवानी में रहने वाले 68 साल के प्रगतिशिल किसान आदित्य त्यागी की चर्चा आजकर पूरे इलाके जोरशोर से हो रही हैं. दरअसल उन्होंने पहली बार विदेशी कद्दू की खेती कर बंपर पैदावार की है. किसान तक बातचीत में किसान आदित्य त्यागी ने बताया कि 5 महीने पहले जर्मनी से कद्दू का बीज मंगवाकर एक बीघे में ट्रायल के तौर पर खेती शुरू की थी. अब फल आना शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि भारत में पैदा होने वाले कद्दू के मुकाबले यह विदेशी कद्दू खाने में बेहद स्वादिष्ट हैं. इसे 'Squash Walthum Butternut' के नाम से जाना जाता है.
आदित्य त्यागी ने बताया कि आने वाले दिनों में हम विदेशी कद्दू की बड़े पैमाने में खेती करेंगे. जिससे आय डबल होगी. क्योंकि कई बड़े होटलों और रेस्टोरेंट में इस कद्दू की डिमांड अधिक होती है. उन्होंने बताया कि हमारे देश में बहुत से किसान सब्जियों की खेती में खतरनाक केमिकल डालकर पैदावार कर रहे हैं. वो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. वहीं, इन सब्जियों के खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती है. इसलिए हमने पूरी तरह ऑर्गनिक तकनीक से विदेशी सब्जियों की खेती शुरू की.
बुजुर्ग किसान आदित्य त्यागी ने आगे बताया कि सरकार भी ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रही है, ताकि किसानों की आय दोगुनी हो जाए. देश में तैयार होने वाली पत्ता गोभी की कीमत से लगभग चार गुना कीमत पर जामुनी बंद गोभी मिलती है. इनके गुणों के कारण इनकी मांग भी ज्यादा है. आजकल कई लोग विदेशी सब्जी और फलों को पसंद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज वो सभी मौसमी सब्जियों की खेती करते है, जैसे- पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक, लौकी, टमाटर सहित सभी सब्जियां शामिल है. सब्जियों के बीज के बारे में त्यागी ने बताया कि यूरोप में बेटा रहता है, उसी से वो बीज मंगवाते हैं.
सब्जियों को सहारनपुर के लोकल मार्केट समेत उत्तराखंड के देहरादून में भेजते हैं, जिससे अच्छी इनकम हो रही है. वहीं रेट भी ठीक-ठाक मिल जाता है. सफल किसान आदित्य त्यागी ने बताया कि सब्जियों की खेती के साथ देसी गाय का पालन और फिश फार्मिंग भी कर रहे हैं. उससे भी अच्छी इनकम हो रही है. सभी खेती करने में वो सौर उर्जा का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने देश के किसानों से कहा है कि परम्परागत खेती के साथ ही आधुनिक खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. आपको बता दें कि सहारनपुर के मेरवानी में रहने वाले किसान आदित्य त्यागी 2015 में उत्तराखंड वन विभाग से फॉरेस्ट रेंजर के पद पर तैनात थे. अपने पद से रिटायर होने के बाद अब वो खेती-किसानी से घर बैठे लाखों रुपये की आय कर रहे हैं.