खरीफ फसल सीजन की शुरुआत से पहले ही रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने रासायनिक उर्वरकों के डायवर्जन और कालाबाजारी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. मंत्रालय के उड़न दस्ते ने 370 औचक निरीक्षण किए हैं. इसके तहत यूरिया के डायवर्जन को लेकर 30 एफआईआर दर्ज की गई है और नकली यूरिया की 70,000 बोरी जब्त की गई है. जिस कार्य के लिए यूरिया दी जाती है उस काम में उसका इस्तेमाल न करके दूसरे कार्यों में उपयोग हो रहा है. इसी तरह 112 मिश्रण निर्माताओं को डी अथराइज्ड कर दिया गया है. प्रिवेंशन ऑफ ब्लैक मार्केटिंग एंड मेंटेनेंस सप्लाइज (पीबीएम) अधिनियम के तहत 11 लोगों को जेल भी भेजा गया है. लेकिन, इतनी सख्ती के बाद भी नकली यूरिया बनाया जाना किसानों के लिए चिंता की बात है.
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के निर्देश पर पिछले कुछ दिनों में यह कार्रवाई की गई है. दावा है कि देश में उर्वरकों के डायवर्जन और कालाबाजारी को रोकने के लिए उर्वरक विभाग ने चौतरफा कदम उठाए हैं. ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो. रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने कहा है कि देश भर में उर्वरकों के डायवर्जन, कालाबाजारी, जमाखोरी और घटिया गुणवत्ता वाली खाद की आपूर्ति रोकने के लिए अधिकारियों की विशेष टीमें गठित की गई हैं. जिन्हें फर्टिलाइजर फ्लाइंग स्क्वायड (एफएफएस) कहा जाता है.
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फर्टिलाइजर फ्लाइंग स्क्वॉड ने 15 राज्यों में 370 औचक निरीक्षण किए हैं. जिनमें मिक्सिंग इकाइयों, सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) यूनिट और एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) यूनिटों का निरीक्षण शामिल है. संदिग्ध यूरिया के 70,000 बैग गुजरात, केरल, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक से जब्त किए गए हैं. जिनमें से 26199 बैग का निपटान फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर के दिशा निर्देशों के अनुसार किया गया. स्क्वॉड ने बिहार के तीन सीमावर्ती जिलों अररिया, पूर्णिया, पश्चिम चंपारण का भी निरीक्षण किया और यूरिया डायवर्ट करने वाली इकाइयों के खिलाफ 3 प्राथमिकी दर्ज की. सीमावर्ती जिलों में 3 मिश्रण निर्माण इकाइयों सहित 10 को डी अथराइज्ड किया गया.
मंत्रालय ने बताया कि दस्तावेजीकरण और प्रक्रियाओं में पाई गई कई विसंगतियों और कमियों की वजह से 112 मिश्रण निर्माताओं को डी अथराइज्ड कर दिया गया है. अब तक 268 नमूनों का परीक्षण किया गया है, जिनमें से 89 (33 फीसदी) को घटिया घोषित किया गया और 120 (45%) में नीम के तेल की मात्रा पाई गई. पिछले एक साल में यूरिया के डायवर्जन और कालाबाजारी के मामले में पहली बार 11 लोगों को कालाबाजारी और आपूर्ति रखरखाव (पीबीएम) अधिनियम के तहत जेल भेजा गया है.
कृषि के अलावा, यूरिया का उपयोग कई अन्य उद्योगों, जैसे- यूएफ राल, गोंद, प्लाईवुड, राल, क्रॉकरी, मोल्डिंग पाउडर, मवेशी चारा, डेयरी, औद्योगिक खनन विस्फोटक में भी किया जाता है. किसानों और कृषि के लिए दिए जाने वाले इस अत्यधिक सब्सिडी वाले यूरिया का अवैध उपयोग कई निजी संस्थाओं द्वारा गैर-कृषि और औद्योगिक उद्देश्य के लिए किया जाता है. जिसके कारण किसानों के लिए यूरिया की कमी हो जाती है. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यूरिया की सीमा-पार तस्करी पर रोक की बदौलत पड़ोसी देशों ने पहली बार अपने-अपने देशों में यूरिया आयात करने के लिए भारत से अनुरोध किया है.
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