देशभर में किसान खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई में लगे हुए हैं. ऐसे में बुवाई के लिए उन्हें डीएपी और यूरिया जैसी प्रमुख खादों की जरूरत पड़ रही है. लेकिन मध्य प्रदेश के खरगोन से एक यूरिया खाद के लिए मारामारी चल रही है. यहां पुलिस की निगरानी में खाद किसानों को खाद बांटी जा रही है. यहां रात से ही खाद वितरण केंद्र की खिड़की के बाहर महिलाएं, स्टूडेंट और किसान लाइन लगाकर यूरिया मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
जब सैकड़ों की संख्या में किसानों के लाइन में लगकर इंतजार करने की जानकारी डीएम को मिली तो उन्हाेंने मौके पर एसडीएम को भेजा. इसके बाद एसडीएम ने खुद किसानों को लाइन में लगवाया और फिर खाद वितरण के लिए एक की बजाय दो काउंटर और शुरू कराए. वहीं, इस सब के लिए जिम्मेदार मप्र राज्य विपणन केंद्र प्रभारी और कृषि अधिकारी दोपहर तक केंद्र पर पहुंचे. एसडीएम ने पहुंचकर तीन घंटे तक नाराज भीड़ को समझाया और पुलिस जवानों की मौजूदगी में खाद वितरण शुरू कराया.
सीएम और राज्य सरकार के नुमाइंदे भले ही लाख दावे कर रहे हैं कि किसानों को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. लेकिन, किसानों को खाद के लिए खरगोन मुख्यालय पर ही संघर्ष करना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ की घोर लापरवाही के कारण मजबूर किसान एक दिन पहले पहुंचकर लाइन लगा रहे. सैकड़ों किसान रसीदों को पत्थर के नीचे दबाकर अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. यह इंतजार सिर्फ एक-दो घंटे का नहीं, बल्कि 24 घंटे से ज्यादा का है.
किसान और उनके परिवार के सदस्य एक दिन पहले शाम 6-7 बजे से ही विपणन संघ के कार्यालय के वितरण केंद्र के बाहर खिड़की के खुलने का इंतजार में लाइन में लग जाते हैं. मंगलवार की शाम से परिवार सहित लाइन में लगे किसान किसानों को सुबह 11 बजे तक खाद वितरण नहीं हो सका तो किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. मामले की सूचना कलेक्टर भव्या मित्तल को मिलने पर उन्होंने तत्काल एसडीएम बीएस कलेश को भेजा. इस दौरान दोपहर 12 तक ना तो राज्य विपणन संघ के अधिकारी और ना ही कृषि विभाग के अधिकारी पहुंचे.
एसडीएम बी एस कलेश जैसे ही उमरखली रोड़ स्थित वितरण केंद्र पहुंचे और वितरण केंद्र की व्यवस्थाओं को देखा. यहां उन्होंने देखा कि एक ही खिड़की पर किसानों को उनकी पावती(खसरा खाता नकल) पर खाद बांटी जा रही थी. इस पर एसडीएम ने तत्काल दूसरी खिड़की से वितरण चालू करने के लिए कहा. खिड़की के बाहर मंगलवार की शाम से लगे लाइन में लगे किसानों और महिलाओं को पहले समझाइश दी गई. इसके बाद एसडीएम अपने सुरक्षा गार्ड के साथ खुद ही किसानों को लाइन में लगने की समझाइश देने लगे और नंबर से आने की बात कहने लगे. इस दौरान उन्होंने कृषि अधिकारियों को एक अन्य काउंटर से टोकन व्यवस्था चालू करने के लिए कहा.
वहीं, एक स्कूली बच्चा भी खाद के लिए लाइन में लगा दिखा. पूछने पर उसने बताया कि वह स्कूल छोड़कर अपने पिता के साथ मंगलवार को खाद के लिए लाइन में लगा था. सातवीं कक्षा के छात्र भावसिंह ने कहा कि वह जामली के निजी स्कूल में पढ़ता है और पिता के साथ मंगलवार की शाम से दोपहर तक खाद लेने के लिए लाइन में लगा था. उसका कहना है कि वह खाद लेने आने के कारण स्कूल नहीं जा पाया. वहीं, इस दौरान कई छात्राएं भी कॉलेज और स्कूल छोड़कर अपने माता/पिता के साथ खाद लेने के लिए लाइन में लगे दिखे.
वहीं, कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि जब वे चाय पीने गए तो किसी ने उनकी पावती जला दी. उमरिया से आए किसान राहुल ने कहा कि हम रात में यहां लाइन में लगे थे. चाय पीने के लिए पास में गए थे. आकर देखा तो हमारी करीब आठ किसानों की पावतियां किसी ने जला दी थी. राहुल ने कहा कि अब बिना पावती के उसे कैसे खाद मिलेगी.