Fertiliser Crisis in MP : पैक्स से बिक रही गैर सदस्य किसानों को नगद खाद, सरकार हुई सख्त

Fertiliser Crisis in MP : पैक्स से बिक रही गैर सदस्य किसानों को नगद खाद, सरकार हुई सख्त

एमपी के कई जिलों में किसानों को यूरिया और डीएपी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण प्राथमिक सहकारी समितियों (PACS) से किसानों से नगद पैसा लेकर खाद बेचने के मामले सामने आ रहे हैं. सहकारिता विभाग ने इस पर संज्ञान लेकर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक को इस स्थिति से बचने के लिए सख्ती बरतने काे कहा है.

एमपी की सहकारी समितियों में किसान को नहीं मिल रही खाद(फोटो, किसान तक)एमपी की सहकारी समितियों में किसान को नहीं मिल रही खाद(फोटो, किसान तक)
न‍िर्मल यादव
  • Bhopal,
  • Dec 23, 2023,
  • Updated Dec 23, 2023, 6:15 PM IST

एमपी में इन दिनों रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुआई के बाद अब फसल को खाद देने की जरूरत के कारण इसकी मांग में अचानक उछाल आ गया है. इससे राज्य के कई जिलों में किसानों काे खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही खाद की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है. इस खेल में पैक्स के भी शामिल होने की शिकायतें मिली हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण स्तर पर संचालित सहकारी समितियां (पैक्स) के गैर सदस्यों को नगद खाद बेची जा रही है. इतना ही नहीं, पैक्स का कर्ज चुकाने में नाकाम होने के कारण डिफॉल्टर घोषित हो चुके किसानों को भी पैक्स से नगद खाद बेचने की श‍िकायतें मिली हैं. इस कारण पैक्स के सदस्य किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. जबकि नियमानुसार पैक्स से ऋण लेने वाले सदस्य किसानों को समिति से तत्काल खाद बीज दिया जाना अनिवार्य है.

शिकायतों पर सरकार ने लिया संज्ञान

पैक्स के गैर सदस्य किसानों को नगद खाद बेचे जाने की शिकायतें मिलने पर सहकारिता विभाग ने संज्ञान लेकर भोपाल कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है. बैंक की ओर से सभी पैक्स प्रबंधकों को समिति के ऋणी किसान सदस्यों को ही खाद वितरित करने का आदेश पारित किया गया है.

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आदेश का असर

आदेश में कहा गया है कि पैक्स के पूर्व सदस्यों या गैर सदस्यों को नगद खाद वितरण की शिकायत मिलने पर संबंधित पैक्स प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि किसानों में इस आदेश को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है.

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किसानों का एक वर्ग है, जिसका मानना है कि सरकार की ओर से खाद की किल्लत को दूर करने के आसार नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में कम से किसानों को पैक्स से नगद देकर खाद मिलने के कारण किसानों की तात्कालिक जरूरत पूरी हो रही थी. मगर सेंट्रल बैंक के आदेश के बाद किसानों की मुसीबत कम होने के बजाए बढ़ जाएगी.

हालांकि किसानों का एक वर्ग यह भी मानता है कि सेंट्रल बैंक की चेतावनी के बावजूद पैक्स से खाद की नगद बिक्री पूरी तरह से बंद नहीं होगी. फौरी तौर पर इस आदेश का शुरुआती मामूली असर दिखेगा, इसके बाद हालात जस के तस हो जाएंगे.

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