गेहूं बुवाई के 45 दिन बाद खेत में भूलकर भी न करें इन खादों का इस्तेमाल, नहीं तो घट सकती है उपज

गेहूं बुवाई के 45 दिन बाद खेत में भूलकर भी न करें इन खादों का इस्तेमाल, नहीं तो घट सकती है उपज

कृषि मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि देर से गेहूं की बुआई करने पर खेत में संकरी और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार उग आते हैं. ऐसे में जिन किसानों ने इस साल देरी से गेहूं बोया है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें शाकनाशी का प्रयोग करना होगा, इससे फसल की पैदावार अच्छी होगी.

कृषि मंत्रालय ने गेहूं उत्पादकों के लिए जारी की एडवाइजरी. (सांकेतिक फोटो)कृषि मंत्रालय ने गेहूं उत्पादकों के लिए जारी की एडवाइजरी. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 05, 2024,
  • Updated Feb 05, 2024, 11:12 AM IST

कृषि मंत्रालय ने गेहूं उत्पादक किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा है कि गेहूं की अच्छी उपज के लिए किसान अपने खेत का हमेशा दौरा करते रहें. अगर खेत में खरपतवार दिखाई दे, तो उसे निकाल कर बाहर फेक दें. साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि गेहूं बुवाई के 40-45 दिन बाद खेत में नाइट्रोजन उर्वरकों का प्रयोग बंद कर देना चाहिए. साथ ही मंत्रालय ने गेहूं की सिंचाई से पहले जमीन में यूरिया डालने की सलाह दी है.

कृषि मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि देर से गेहूं की बुआई करने पर खेत में संकरी और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार उग आते हैं. ऐसे में जिन किसानों ने इस साल देरी से गेहूं बोया है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें शाकनाशी का प्रयोग करना होगा, इससे फसल की पैदावार अच्छी होगी. एडवाइजरी में कहा है कि किसान अपने खेत में शाकनाशी सल्फोसल्फ्यूरॉन 75डब्ल्यूजी लगभग 13.5 ग्राम प्रति एकड़ या सल्फोसल्फ्यूरॉन प्लस मेटसल्फ्यूरॉन 16 ग्राम को 120-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव कर सकते हैं. खास बात यह है कि इसका छिड़काव पहली सिंचाई से पहले या सिंचाई के 10-15 दिन बाद करें.

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पीला रतुआ रोग से बचाव के उपाय

वहीं, पीला रतुआ रोग से बचाव के लिए कृषि मंत्रालय ने किसानों को सलाह दी है. उसने कहा है कि किसानों को नियमित रूप से अपनी फसल का निरीक्षण करना चाहिए. अगर गेहूं के खेत में पीला रतुआ रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो संक्रमित पौधों को तुरंत खेत से हटा देना चाहिए, ताकि यह अन्य पौधों को संक्रमित न करें. वहीं, फसल को पाले से बचाने के लिए हल्की सिंचाई करें. इस बीच खबर है कि मौसम विभाग ने उत्तर-पूर्वी और मध्य राज्यों में बारिश का अनुमान लगाया है. उसने आशंका जताई है कि आने वाले सप्ताह में तापमान में और गिरावट आ सकती सकती है. इस कारण किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए हल्की सिंचाई करें.

कीमतों में आ सकती है गिरावट

इस साल पिछले साल से ज्यादा रकबे में गेहूं की बुआई की गई है. कृषि मंत्रालय ने बताया कि इस साल 2023-24 में कुल 336.96 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं बोया गया, जबकि पिछले साल 335.67 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं बोया गया था. इसमें से सबसे ज्यादा बुआई उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब में हुई है. कृषि मंत्रालय को उम्मीद है कि इस साल गेहूं की अच्छी उपज होगी. इससे आने वाले महीनों में महंगाई पर कुछ हद तक ब्रेक लग सकता है. खास कर आटे की कीमतों में गिरावट आ सकती है.

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