गन्ने की खेती के साथ पशुपालन करें क‍िसान, इंटरप्राइजेज मॉडल हुआ तैयार

गन्ने की खेती के साथ पशुपालन करें क‍िसान, इंटरप्राइजेज मॉडल हुआ तैयार

गन्ना उत्तर प्रदेश की मुख्य नकदी फसल है. गन्ने के उत्पादन में उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे हैं. वही अब भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के द्वारा गन्ने के साथ इंटर क्रॉप और इंटरप्राइजेज के माध्यम से कैसे किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. इसको लेकर भी तेजी से अनुसंधान कार्य हो रहा है. संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए पी दिवेदी गन्ने की खेती के साथ-साथ दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती करके कैसे किसान अपनी आय को बढ़ाएं इसका एक मॉडल तैयार किया गया है

गन्ने के साथ इंटरप्राइजेज करके किसान की बढ़ेगी आयगन्ने के साथ इंटरप्राइजेज करके किसान की बढ़ेगी आय
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Apr 27, 2023,
  • Updated Apr 27, 2023, 12:38 PM IST

गन्ना उत्तर प्रदेश की मुख्य नकदी फसल है. गन्ने के उत्पादन में उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे हैं. वहीं अब भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के द्वारा गन्ने के साथ इंटर क्रॉप और इंटरप्राइजेज के माध्यम से कैसे किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. इसको लेकर भी तेजी से अनुसंधान कार्य हो रहा है. संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एपी दिवेदी गन्ने की खेती के साथ-साथ दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती करके कैसे किसान अपनी आय को बढ़ाएं इसका एक मॉडल तैयार किया गया है. वहीं उन्होंने इंटरप्राइज के माध्यम से भी किसानों के लिए एक सक्सेस मॉडल तैयार किया है, जिसको अपनाकर कोई भी किसान अपनी आमदनी को दोगुना कर सकता है.

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार की प्रयासरत है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों के द्वारा भी खेतों में उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसान की आय बढ़ाने के साधन भी विकसित किए जा रहे हैं. इससे किसानों को फायदा भी हो रहा है.

गन्ने के साथ इंटरप्राइजेज क्या है! कैसे बढ़ेगी किसानों की आय

 गन्ने की खेती के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने के ल‍िए तैयार मॉडल की जानकारी देते हुए संस्थान के प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. एपी दिवेदी ने किसान तक को बताया की गन्ने की फसल के साथ इंटरप्राइजेज के रूप में मछली पालन, मुर्गी पालन, मशरूम और वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं. उन्होंने अपने फार्म पर इस मॉडल का पूरी तरीके से परीक्षण किया है. इंटरप्राइज के माध्यम से जहां किसानों की आय में मुख्य फसल के साथ-साथ अतिरिक्त इजाफा होगा तो वहीं किसान को अपने लिए प्रोटीन, खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट और मछली, कुक्कुट से अंडे की प्राप्ति भी होगी. प्रति एकड़ गन्ने की फसल के साथ-साथ इंटरप्राइजेज के माध्यम से किसान एक से दो लाख तक की आमदनी प्राप्त कर सकता है.

ये भी पढ़ें :Gram Procurement: चने की सरकारी खरीद में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सबसे आगे, राजस्थान साब‍ित हो रहा फ‍िसड्डी

गन्ने के साथ किनोवा की खेती के फायदे 

मुख्य फसल के रूप में गन्ने के साथ-साथ किनोवा की खेती भी किसानों की आय बढ़ाने में बड़ी भूमिका होगी. लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एपी दिवेदी ने अपने फार्म पर ही एक सफल मॉडल के रूप में किनोवा की खेती की छोटे से क्षेत्रफल की.किनोवा को गन्ने के साथ उगाकर किसानों के लिए मॉडल भी प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया किनोवा एक सुपर फूड है, जिसमें प्रोटीन के साथ-साथ ढेर सारे मिनरल होते हैं.

वहीं बाजार में किनोवा की कीमत 1400 से 1500 रुपए प्रति किलो है. किनोवा को गन्ने के साथ उगाकर प्रति हेक्टेयर 15 क्व‍िंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है. वहीं किनोवा के माध्यम से किसान प्रति हेक्टेयर 5 लाख तक अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं.

फायदे से भरपूर है किनोवा

किनोवा हरे रंग का पौधा होता है, लेकिन फसल तैयार होने के बाद यह गुलाबी रंग में बदल जाता है. सर्दियों के मौसम में रबी सीजन के अंतर्गत किसानों के द्वारा इसकी खेती की जाती है. किनोवा पत्तेदार सब्जी बथुआ की प्रजाति का पौधा है, यह प्रोटीन के साथ-साथ शरीर में वसा कम करने, कोलेस्ट्रोल घटाने और वजन कम करने के लिए भी लाभदायक माना जाता है. इसके चमत्कारी गुणों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे पोषण अनाज की श्रेणी में शामिल किया है. इसी वजह से किनोवा की मांग लगातार बढ़ रही है.

MORE NEWS

Read more!