फरवरी में उगाए जाने वाले मक्के की खेती से पहले करें ये उपाय, होगी अच्छी उपज

फरवरी में उगाए जाने वाले मक्के की खेती से पहले करें ये उपाय, होगी अच्छी उपज

देश में पारंपरिक खेती छोड़ आधुनिक खेती को बढ़ाने का काम जोरों पर है. इसी के साथ बिहार सरकार के कृषि विभाग ने बताया कि बसंत ऋतु में मक्के की खेती करने से पहले किन बातों का ध्यन रखना जरूरी होता है.

बसंत ऋतु में मक्के की खेती करने से पहले करें बीजों का उपचार, फोटो: freepikबसंत ऋतु में मक्के की खेती करने से पहले करें बीजों का उपचार, फोटो: freepik
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 02, 2023,
  • Updated Feb 02, 2023, 4:20 PM IST

कहा जाता है कि यदि बरसात साथ दे जाए तो खेतों से सोना उगता है. लेकिन, कई बार ऐसा होता नहीं. कई बार किसानों को खेती से मनमुताबिक लाभ नहीं मिल पाता. इसका कारण यह होता है कि किसान खेती की आधुनिक विधि को नहीं अपनाते और वे पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं. कई बार पारंपरिक तरीके से की गई खेती आज की जलवायु के अनुकूल नहीं होती और किसानों को खेती करके कोई खास लाभ नहीं होता. ऐसा ही कुछ फरवरी में उगाए जाने वाले मक्के के साथ भी है. अगर इस दौरान क‍िसान सावधानी नहीं बरतते हैं, तो उन्हें नुकसान हो सकता है. आइए जानते हैं क‍ि बसंत सीजन यानी फरवरी में मक्के की खेती में ऐसे कौन से उपाय अपनाएं जाएं, ज‍िससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है.   

मक्के की बुवाई के समय इन बातों का रखें ध्यान 

हमारे देश में मक्के की खेती साल में दो बार की जाती है. एक मानसून के साथ और दूसरी खेती बसंत ऋतु के आगमन में. कई किसान खेती की पुरानी परंपरा को नहीं छोड़ पा रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें अच्छी पैदावार नहीं मिल पाती.

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बिहार सरकार के कृषि विभाग ने  बताया है कि फरवरी महीने में मक्के की खेती करते समय हमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे कि बीजों की बुआई करने से पहले इसके लिए 75 प्रतिशत थीरम या 75 प्रतिशत  कैप्टॉन WP2.5 ग्राम प्रति किलो के साथ बीजों का उपचार करें. इसके अलावा बीजों के साथ अनावश्यक रूप से उगने वाले खरपतवार की भी साफ सफाई करते रहें. 

क‍िसान आधुनिक खेती का करें प्रयोग

देश में पैदावार बढ़ाने के लिए बीजों की गुणवत्ता और कृषि यंत्रों के प्रयोग को बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है. किसानों को आधुनिक खेती सिखाने के लिए सरकार की बहुत सी योजनाएं युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं. आपको बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र ने बीते चार सालों में 60 लाख से अधिक किसानों को आधुनिक खेती करने का प्रशिक्षण दे चुकी है. सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति और कृषि उपज को बढ़ाने के लिए लगातार आधुनिक कृषि यंत्रों और खेती में प्रयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाने का काम कर रही है. इसके अलावा खेती किसानी से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए कई तरह के टोल फ्री नंबर और वेबसाइट, पोर्टल की  शुरुआत की है. इसी तरह से बिहार सरकार ने भी किसानों की मदद के लिए आधुनिक खेती को बढ़ाने पर जोर दिया है. 

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