ठंडी ठंडी लौकी की सब्जी, सेहत के लिए वरदान है. लेकिन बाजार में मिलने वाली लौकी में कई बार कीटनाशक और रसायन मिले होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. अगर आप घर पर ताजी और जैविक लौकी उगाना चाहते हैं, तो यही सही समय है. बस कुछ आसान तरीकों को अपनाकर आप अपने घर की छत, आंगन या बालकनी में ही लौकी की बेल तैयार कर सकते हैं.
दरअसल, आजकल बाजार में मिलने वाली सब्जियों में केमिकल और पेस्टीसाइड्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है. वहीं, घर पर उगाई गई लौकी न सिर्फ जैविक होती है, बल्कि इसे ताजा-ताजा तोड़कर खाने का आनंद भी अलग ही होता है. इसके अलावा, लौकी एक ऐसी सब्जी है, जो कम मेहनत में भी भरपूर पैदावार देती है.
लौकी को गर्म और नमी वाली जलवायु में अच्छी पैदावार मिलती है. इसकी बुआई के लिए फरवरी से जून के बीच का समय सबसे उपयुक्त होता है. अगर आप इसे घर पर उगाना चाहते हैं, तो फरवरी-मार्च में बीज लगाने का सही समय है, ताकि गर्मियों में आप ताजी लौकी का आनंद ले सकें.
बीज तैयार करने की प्रक्रिया
लौकी के पौधे को अधिक धूप की जरूरत होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह लगाएं, जहां कम से कम 6-8 घंटे धूप मिल सके. गमले में लगाने के लिए 30-40 लीटर क्षमता वाला गमला या ग्रो बैग चुनें, जिससे इसकी बेल को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिले. मिट्टी में जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, या किचन वेस्ट से बनी खाद डालें.
1. पानी देना
2. खाद और पोषण
3. सहारा देना
लौकी को बीज बोने के 50-60 दिन बाद तोड़ा जा सकता है. जब लौकी का रंग हल्का हरा और छिलका मुलायम हो, तभी इसे तोड़ना चाहिए. बहुत अधिक पकने पर लौकी के अंदर बीज सख्त हो जाते हैं और स्वाद में भी बदलाव आ सकता है.
बता दें, घर पर उगाई गई लौकी 100% जैविक और ताजी होती है. लौकी में फाइबर, पानी और पोषक तत्व अधिक होते हैं, जिससे यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होती है. अगर आपके पास जमीन नहीं है, तो गमले या ग्रो बैग में भी लौकी उगा सकते हैं. साथ ही, एक बार बीज बोने के बाद पूरा सीजन भर आपको ताजी लौकी मिलती रहेगी, जिससे बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी.