शलजम (Turnip) एक ऐसी सब्ज़ी है जिसे सलाद, सब्ज़ी और सूप सहित हर तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी जड़ ही नहीं, पत्तियां भी बेहद पौष्टिक होती हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि शलजम घर पर बहुत आसानी से उगाया जा सकता है. अगर आपके पास छोटा-सा किचन गार्डन या गमला भी है तो आप इसे 40–50 दिनों में तैयार कर सकते हैं.
- शलजम ठंडे मौसम में सबसे अच्छा बढ़ता है.
- अगस्त के आखिर से लेकर नवंबर तक इसका बीज बोना perfect रहता है.
- सर्दियों में उगे शलजम स्वाद और texture दोनों में बेहतर होते हैं.
- शलजम की जड़ें मुलायम और गहरी मिट्टी में अच्छी तरह विकसित होती हैं.
- मिट्टी को अच्छी तरह खोदकर भुरभुरी बना लें.
- उसमें गोबर की सड़ी खाद या कम्पोस्ट मिलाएं.
- ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी रुकना नहीं चाहिए. हल्की रेतीली मिट्टी शलजम के लिए ideal है.
1. गार्डन की क्यारी या बड़े गमले में 1–1.5 फीट की दूरी पर लाइन बनाएं.
2. लाइन में आधा इंच गहरा गड्ढा करें और बीज डालें.
3. बीजों के बीच कम से कम 4–6 इंच की दूरी रखें ताकि जड़ें फैल सकें.
4. बीज डालने के बाद मिट्टी की हल्की परत से ढक दें और ऊपर से हल्का पानी छिड़कें.
- बीज बोने के बाद रोज़ हल्की सिंचाई करें जब तक अंकुर निकल न आएं.
- पौधे थोड़े बड़े होने पर 2–3 दिन में एक बार पानी देना काफी है.
- ध्यान रखें कि मिट्टी हमेशा हल्की नमी वाली रहे, लेकिन पानी जमा न हो.
- बीच-बीच में खरपतवार (घास-फूस) निकालते रहें.
शलजम को अच्छी धूप पसंद है. गमले या क्यारी को ऐसी जगह रखें जहाँ कम से कम 5–6 घंटे धूप मिल सके. शलजम बोने के लगभग 40–50 दिन बाद तोड़ने लायक हो जाता है. छोटे और मुलायम शलजम ज़्यादा स्वादिष्ट होते हैं. पत्तियां भी 25–30 दिन बाद तोड़कर सलाद या साग में इस्तेमाल कर सकते हैं.
- शलजम में विटामिन C, आयरन और फाइबर भरपूर होता है.
- घर पर उगाए शलजम पूरी तरह ऑर्गैनिक और केमिकल मुक्त होते हैं.
- एक बार बीज बो देने के बाद लगातार 2–3 महीने तक पत्तियाँ और जड़ दोनों मिलते रहते हैं.
तो अब मार्केट से लाने की ज़रूरत नहीं, इस बार ठंड में अपने घर की क्यारी या गमले में ही शलजम उगाइए और 40–50 दिनों में ताज़ा, हेल्दी और ऑर्गैनिक सब्ज़ी का मज़ा लीजिए.