गेहूं का सबसे बड़ा दुश्मन है पाला, बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

गेहूं का सबसे बड़ा दुश्मन है पाला, बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

शीतलहर और पाले से सर्दी के मौसम में रबी की सभी फसलों को नुकसान होता है. इसमें रबी की सबसे प्रमुख फसल गेहूं के अलावा दलहन और तिलहन फसलों को जहां 80 से 90 फीसदी तक नुकसान हो सकता है.

गेहूं का सबसे बड़ा दुश्मन है पालागेहूं का सबसे बड़ा दुश्मन है पाला
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Dec 15, 2023,
  • Updated Dec 15, 2023, 2:09 PM IST

देश के किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिए पुरजोर मेहनत करते हैं. इसके लिए वह सिंचाई के साथ ही फसलों में समय पर खाद देने का विशेष ध्यान देते हैं. लेकिन किसानों को कई बार कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. इसमें फसलों में कीट लगने के साथ ही दिसंबर से फरवरी महीने तक जारी ठंड में फसलों पर पाले का भी खतरा रहता है. दरअसल गेहूं की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन पाला को माना जाता है.

वहीं अब धीरे-धीरे देश में शीतलहर को दौर जारी हो गया है, जो गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है. ऐसे में किसानों को अपनी फसल को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. आइए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं, जिससे आप गेहूं की फसल को पाला से सुरक्षित रख सकते हैं.

कितना हो सकता है नुकसान

शीतलहर और पाले से सर्दी के मौसम में रबी की सभी फसलों को नुकसान होता है. इसमें रबी की सबसे प्रमुख फसल गेहूं के अलावा दलहन और तिलहन फसलों को जहां 80 से 90 फीसदी तक नुकसान हो सकता है. वहीं गेहूं की फसल में 10 से 20 फीसदी तक नुकसान हो सकता है.

फसलों पर पाले के प्रभाव

  • ठंड के दिनों में पाले के प्रभाव से फल मरने लगते हैं और फूल झड़ने लगते हैं.
  • प्रभावित फसल का हरा रंग समाप्त हो जाता है और पत्तियों का रंग मिट्टी के रंग जैसा दिखता है.
  • ऐसे में पौधों के पत्ते सड़ने से बैक्टीरिया जनित बीमारियों का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है.
  • पत्ती, फूल और फल सूख जाते हैं. फल के ऊपर धब्बे पड़ जाते हैं और स्वाद भी खराब हो जाता है.
  • पाले से प्रभावित फसल में कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है.
  • पाले के कारण अधिकतर पौधों के फूलों के गिरने से पैदावार में कमी हो जाती है.

फसल को पाले से बचाने के उपाय

  • जब शीतलहर चलने लगे तब फसल में हल्की सिंचाई करें.
  • शाम के समय सूखी घास फूस और उपलों को जलाकर उसका धुआं करें.
  • हो सके तो फसल की पत्तियों पर पानी का छिड़काव करें.
  • वहीं 01 लीटर घुले गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ फसल पर छिड़काव करें.
  • ये छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर फिर दोहराएं.

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