सरसों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन है पाला, बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

सरसों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन है पाला, बचाव के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

शीतलहर और पाले से सर्दी के मौसम में रबी की सभी फसलों को नुकसान होता है. इसमें रबी की सबसे प्रमुख फसल गेहूं के अलावा तिलहन जैसे सरसों की फसलों को 80 से 90 फीसदी तक नुकसान हो सकता है.

सरसों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन है पालासरसों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन है पाला
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Dec 24, 2023,
  • Updated Dec 24, 2023, 2:27 PM IST

देश के कई हिस्सों में ठंड का सितम बढ़ते जा रहा है. वहीं देश किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिए काफी मेहनत करते हैं. इसके लिए वह सिंचाई के साथ-साथ फसलों में समय पर खाद भी देते हैं. लेकिन किसानों को बहुत बार कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. इसमें फसलों में कीट लगने के साथ ही दिसंबर से फरवरी महीने तक ठंड के प्रकोप से फसलों पर पाले का भी खतरा रहता है. दरअसल सरसों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन पाला को माना जाता है.

वहीं अब धीरे-धीरे देश में शीतलहर को दौर जारी हो गया है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंड तेजी से बढ़ने लगी है. जो सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है. ऐसे में किसानों को अपनी फसल को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. आइए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं, जिससे आप अपनी सरसों की फसल को पाला से सुरक्षित रख सकते हैं.

कितना हो सकता है नुकसान

किसानों को सरसों की बुवाई के समय ध्यान रखना चाहिए कि बीज उन्नत प्रजातियों के होने के साथ ही स्वस्थ हों. क्योंकि शीतलहर और पाले से सर्दी के मौसम में रबी की सभी फसलों को नुकसान होता है. इसमें रबी की सबसे प्रमुख फसल गेहूं के अलावा तिलहन फसलों को सबसे अधिक 80 से 90 फीसदी तक नुकसान हो सकता है.

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फसलों पर पाले के प्रभाव

  • ठंड के दिनों में पाले के प्रभाव से फल मरने लगते हैं और फूल झड़ने लगते हैं.
  • प्रभावित फसल का हरा रंग समाप्त हो जाता है और पत्तियों का रंग मिट्टी के रंग जैसा दिखता है.
  • ऐसे में पौधों के पत्ते सड़ने से बैक्टीरिया जनित बीमारियों का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है.
  • सरसों की पत्ती, फूल और फल सूख जाते हैं. फल के ऊपर धब्बे पड़ जाते हैं और स्वाद भी खराब हो जाता है.
  • पाले से प्रभावित सरसों में कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाता है.
  • पाले के कारण अधिकतर पौधों के फूलों के गिरने से पैदावार में कमी हो जाती है

फसलों को बचाने के उपाय

पाला से सरसों को बचाने के लिए सल्फर युक्त रसायनों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है. डाइमिथाइल सफ्लो ऑक्साइड का 0.2 फीसदी या 0.1 फीसदी थायो यूरिया का छिड़काव करें वहीं ये छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर फिर दोहराएं. इसके अलावा जब शीतलहर चलने लगे तब फसल में हल्की सिंचाई करें.

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