Cyber Fraud: 2.45 लाख से अधिक सिम कार्ड ब्लॉक किए गए, ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध जागरूकता और बढ़ाएगी सरकार

Cyber Fraud: 2.45 लाख से अधिक सिम कार्ड ब्लॉक किए गए, ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध जागरूकता और बढ़ाएगी सरकार

ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराधियों का बढ़ता नेटवर्क आने वाले समय में सरकार और प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. इसी परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को साइबर अपराध से मुक्ति दिलाने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है.

ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध जागरूकता और बढ़ाएगी सरकारग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध जागरूकता और बढ़ाएगी सरकार
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Dec 24, 2023,
  • Updated Dec 24, 2023, 1:13 PM IST

वर्तमान समय में डिजिटल क्रांति के इस युग में ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट की सुविधा पहुंच चुकी है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग इंटरनेट बैंकिंग का फायदा ले रहे हैं, लेकिन सरकार के आंकड़े से यह पता चला है कि साइबर अपराधों के नए केंद्र में अब तेजी से ग्रामीण इलाके भी शामिल हो रहे हैं, क्योंकि यह साइबर अपराध करने वालों के लिए आसान लक्ष्य होते हैं. दरअसल देश के ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर क्राइम काफी तेजी से अपना पैर पसारता जा रहा है. इनके मुख्य कारण यह भी है कि ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी है, जिससे गांव के लोग आसानी से इनके शिकार हो जाते हैं.

ग्रामीणों को किया जा रहा जागरुक

ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराधियों का बढ़ता नेटवर्क आने वाले समय में सरकार और प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. इसी परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को साइबर अपराध से मुक्ति दिलाने के लिए जागरूक कर रही है. वहीं सरकार का ये मानना है कि ग्रामीणों और किसानों के मेहनत से कमाए गए पैसे को साइबर फ्रॉड से बचाया जा सके. केंद्र सरकार ने इस समस्या से समाधान के लिए एक मजबूत कमद उठाई है. इसकी जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रदान की है.

सरकार कर रही है मदद 

  • गृह मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराध से व्यापक रूप से निपटने के लिए 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (आई4सी) की स्थापना की है.
  • पुलिस अधिकारियों के अनुसार अब तक 2.45 लाख से अधिक सिम कार्ड और 42,000 आईएमईआई को भारत सरकार द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है.
  • भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के अंतर्गत मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी के लिए सात संयुक्त साइबर समन्वय दलों (जेसीसीटी) का गठन किया गया है. ये संयुक्त साइबर समन्वय दल राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के बीच समन्वय ढांचे को बढ़ाने का काम करेगी. वर्ष 2023 में हैदराबाद, अहमदाबाद, गुवाहाटी, विशाखापत्तनम, लखनऊ, रांची और चंडीगढ़ में संयुक्त साइबर समन्वय दलों के लिए सात कार्यशालाएं आयोजित की गई है.
  • राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के जांच अधिकारियों (आईओ) को प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करने के लिए नई दिल्ली में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (आई4सी) के एक भाग के रूप में अत्याधुनिक 'राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच)' की स्थापना की गई है. अब तक, राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच) ने साइबर अपराधों से संबंधित मामलों की जांच में सहायता करने के लिए राज्यों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को लगभग 8,840 साइबर फोरेंसिक जैसे मोबाइल फोरेंसिक, मेमोरी फोरेंसिक, सीडीआर विश्लेषण आदि में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं.
  • साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ,  महिलाओं और बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाने के लिए, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (आई4सी) के एक भाग के रूप में 'राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल' (https://cybercrime.gov.in) शुरू किया गया है. इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाएं, उन्हें प्रथम सूचना रिपोर्ट यानी एफआईआर में बदलना और उसके बाद की कार्रवाई को कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

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