जब भी पान की बात होती है तो हम अमिताभ बच्चा का वो मशहूर गाना जरूर गुनगुनाते हैं. जी हाँ खाइके पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला. अब ऐसा क्यों कहा गया ये सोचने वाली बात है. दरअसल, पान का स्वाद और पान की खुशबू दोनों ही आपको ताजगी का एहसास दिलाते हैं. जिससे आपका मूड और दिमाग दोनों खुल जाता है. शायद इस गाने का मतलब भी यही हो. अब आइए बात करते हैं पान और उसे उगाने के बारे में.
दरअसल, हिंदू संस्कृति और सभ्यता में आज भी पान का अपना महत्व और स्थान है. पान के पत्तों का इस्तेमाल पूजा-पाठ समेत हर शुभ काम में किया जाता है. पान के पत्तों का इस्तेमाल खाने में भी किया जाता है. अक्सर लोग रात के खाने के बाद पान खाने के शौकीन होते हैं. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो शौक के तौर पर कभी-कभार पान खाते और खिलाते हैं. जिसके कारण पान की डिमांड हमेशा बनी रहती है. अगर आप भी पान खाने के शौकीन हैं और बार-बार पान खाने के लिए पनवाड़ी के दुकानों के चक्कर काट रहे हैं तो अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है. आसानी से घर के गमले में ही पान उगा सकते हैं.
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भारत में पान की 100 से ज्यादा किस्में पाई जाती हैं. पान की खेती से किसानों को भारी मुनाफा भी होता है. अवानी पान, बांग्ला और खासी पान, देसी पान, कलकत्ता, पातों, मघई और बांग्ला, करियाले, मैसुराइले और अंबादैले, गोडी बांग्ला, नोवा चत्तक, सांची और बिरकोली पान की कुछ उन्नत किस्मों में शामिल हैं.