सब्जियों की खेती करने वाले किसान हो जाएं सावधान! फल मक्खी कीट का बढ़ रहा खतरा

सब्जियों की खेती करने वाले किसान हो जाएं सावधान! फल मक्खी कीट का बढ़ रहा खतरा

लतीदार, भिंडी सहित आगात सब्जियों के फलों में लगने वाले कीटों की करें निगरानी. फल मक्खी कीट से सब्जियों की कैसे करें निगरानी. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के वैज्ञानिकों ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में बचाव के दिए सुझाव.

भिंडी की खेतीभिंडी की खेती
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Sep 24, 2025,
  • Updated Sep 24, 2025, 4:41 PM IST

मॉनसून धीरे-धीरे अपनी समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. इस बीच, मौसम के बदलते मिजाज के कारण सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को विशेष ध्यान देने की सलाह कृषि वैज्ञानिक दे रहे हैं. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के वैज्ञानिक अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में बताते हैं कि इस दौरान लतीदार सब्जियों सहित भिंडी की फसल में कीट और रोग लगने का खतरा अधिक रहता है. इसके लिए किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है. साथ ही, किसानों को बैंगन के तैयार पौधों की रोपाई शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि यह समय इन सब्जियों की खेती के लिए उपयुक्त है.

लतीदार सब्जियों में फल मक्खी कीट की पहचान कैसे करें

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि जिन किसानों ने लतीदार सब्जियों की खेती की है, उन्हें फसलों में फल मक्खी कीट की निगरानी करनी चाहिए. इस कीट की मादा मक्खी लतीदार सब्जियों के कोमल फलों के अंदर अंडे देती है. प्रभावित फलों के छेद से लसदार, हल्के भूरे रंग का द्रव निकलता है, जो सूखने पर खुरदरा खुरट बन जाता है.  मादा के अंडों से मैगोट बनते हैं, जो फल के गूदे को खाकर स्पंज जैसे कई छेद कर देते हैं. इसके बाद फलों में सड़न शुरू हो जाती है. क्षतिग्रस्त फल पतले, टेढ़े-मेढ़े, कभी-कभी पीले पड़कर डंठल से अलग होकर गिर जाते हैं. 

कीट प्रबंधन के लिए करें उपाय

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि लतीदार सब्जियों में फल मक्खी कीटों का प्रभाव अधिक दिखे, तो इसके नियंत्रण के लिए किसान सबसे पहले सभी क्षतिग्रस्त फलों को इकट्ठा करके नष्ट कर दें. साथ ही, मिथाइल यूजिनॉल ट्रैप का उपयोग करें. यदि नुकसान अधिक हो, तो 1 किलोग्राम छोहा और 2 लीटर मैथालियान 50 ई.सी. तरल दवा को 800 से 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर समान रूप से छिड़काव करें, बशर्ते आसमान साफ हो.

भिंडी की फसल में कीटों के लिए उपाय

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, भिंडी की फसल में फल और प्ररोह वेधक कीट की निगरानी करें. इसके पिल्लू भिंडी के फलों में छेद बनाकर अंदर घुसते हैं और फलों को खाकर पूरी तरह नष्ट कर देते हैं. इसकी रोकथाम के लिए क्वीनलफास 25 ई.सी. दवा का 2 मिली प्रति लीटर पानी या डाइमेथोएट 30 ई.सी. दवा का 1.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर, आसमान साफ होने पर छिड़काव करें.

बैंगन के पौधों की रोपाई शुरू करें

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह समय बैंगन के पौधे लगाने का उपयुक्त है. इसलिए, किसान इस समय पौधों की रोपाई शुरू कर दें. रोपाई से पहले 1 ग्राम फ्यूराडान 3 जी दानेदार दवा को प्रति पौधा की दर से जड़ के पास मिट्टी में मिलाएं. साथ ही, पहले से रोपी गई बैंगन की फसल में तना और छेदक कीट की निगरानी करते रहें, क्योंकि इस दौरान सब्जियों के फलों में कीटों का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है.

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