शीतलहर में किसान ने पौधों को ऐसे बचाया, तकनीक हो रही वायरल

शीतलहर में किसान ने पौधों को ऐसे बचाया, तकनीक हो रही वायरल

कड़ाके की ठंड से सब्जी की फसल को बचाने के लिए किसान नवीन वर्मा ने एक अलग तरह की तकनीक को अपनाया है जिसकी अब खूब सराहना हो रही है. ठंड से फ़सल के बचाव कि यह तकनीक अब तेजी से वायरल हो रही है.

ठंड से पौधों के बचाव की तकनीक ठंड से पौधों के बचाव की तकनीक
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Jan 14, 2023,
  • Updated Jan 14, 2023, 8:53 AM IST

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023 के शुरुआत से ही कड़ाके की ठंड पड़ रही है.  शीतलहर के चलते जहां फसलों की वृद्धि प्रभावित है तो वहीं गेहूं के लिए यह मौसम काफी फायदेमंद माना जा रहा है. वही सब्जी की खेती करने वाले किसान शीतलहर की वजह से काफी ज्यादा परेशान है. लखनऊ के गोसाईगंज के कासिमपुर गांव में सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर होती है.  वहीं पर सब्जियों की अगेती खेती करने वाले किसान ठंड के चलते काफी परेशान है. कड़ाके की ठंड से सब्जी की फसल को बचाने के लिए किसान नवीन वर्मा ने एक अलग तरह की तकनीक को अपनाया है जिसकी अब खूब सराहना हो रही है. उन्होंने तोरई की अगेती खेती की है. वहीं ठंड के मौसम में फसल को नुकसान से बचाने के लिए उन्होंने टनल बनाकर उसे सफेद प्लास्टिक से ढक दिया है जिससे पौधे खंड के दुष्प्रभाव से बच सकें. किसान के इस प्रयोग से फसल का जहां बचाव हो रहा है तो वही ठंड से फ़सल के बचाव कि यह तकनीक भी अब तेजी से वायरल हो रही है.

कड़ाके की ठंड में भी ऐसे करें खेती

सर्दियों के मौसम में सब्जियों की खेती करना काफी मुश्किल भरा काम होता है. कड़ाके की ठंड के दौरान सब्जी की फसल को भी नुकसान होता है. इस दौरान फसलों की वृद्धि प्रभावित होती है. वही नए बीजों का अंकुरण नहीं हो पाता है.  लखनऊ के कासिमपुर गांव के किसान नवीन वर्मा ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. उन्होंने तोरई की अगेती खेती की है.  1 एकड़ में उन्होंने तोरई खेती करने के लिए पहले टनल बनाई है और उसमें तोरई के बीजों को बोलने के बाद ऊपर से प्लास्टिक से कवर कर दिया.  इस तकनीक के माध्यम से जहां तोरई की फसल का न्यूनतम तापमान में भी अंकुरण हो रहा है.  खेती करने वाले किसान नवीन वर्मा बताते हैं कि उनकी इस तकनीक से तोरई की फसल का सही तरह से बचाव हो रहा है. टनल बनाकर प्लास्टिक लगाने से अंदर का तापमान फसल के अंकुरण के लिए उपयुक्त है.  इससे वृद्धि भी प्रभावित नहीं होगी और उनकी फसल से फरवरी में पैदावार होने लगेगी.  इससे उन्हें अच्छा दाम भी मिलेगा.

स्ट्रॉबेरी खेती से हुए थे चर्चित

 कासिमपुर गांव के रहने वाले नवीन वर्मा की भाई आलोक वर्मा ने स्ट्रॉबेरी की खेती करके किसानों को एक राह भी दिखाई थी. आज भी वह जनपद में स्ट्रॉबेरी की खेती करके अच्छी आय कमा रहे हैं.  उनके इस मॉडल को अपनाकर बाराबंकी में भी कई किसान ने अपनी आय को दोगुना करने में सफलता दर्ज की है.

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