खेती-किसानी में समय, मेहनत और लागत की बचत आज के दौर में हर किसान की पहली जरूरत बन गई है. खासकर मूंगफली की खेती करने वाले किसानों के लिए मूंगफली छीलना एक बेहद समय लेने वाला और मेहनत वाला काम होता है. लेकिन अब इस परेशानी का समाधान आ चुका है- मूंगफली फोड़ने वाली मशीन के रूप में. यह मशीन न केवल किसानों का काम आसान बनाती है, बल्कि उनका समय और पैसा भी बचाती है. साथ ही हाथों को भी आराम मिलता है.
मूंगफली छिलने वाली मशीन एक आधुनिक कृषि यंत्र है, जिसे खासतौर पर मूंगफली के दानों को छिलकों से अलग करने के लिए तैयार किया गया है. परंपरागत तरीके से मूंगफली छीलने में जहां घंटों लग जाते हैं, वहीं इस मशीन से यह काम कुछ ही मिनटों में हो जाता है. यह मशीन बड़ी तेजी से मूंगफली को छीलती है, जिससे किसान न सिर्फ मेहनत से बचते हैं, बल्कि उत्पादन की रफ्तार भी कई गुना बढ़ जाती है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे मजदूरी पर होने वाला खर्च घटता है, जिससे किसान की आमदनी में सीधा इजाफा होता है.
सरकार किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र अपनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है. मूंगफली फोड़ने वाली मशीन की खरीद पर भी किसानों को "कृषि यंत्रीकरण योजना" के अंतर्गत सब्सिडी दी जाती है. इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाता है और इसे "सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकनाइजेशन (SMAM)" के नाम से भी जाना जाता है. इस योजना के तहत किसानों को मशीन की कुल लागत का 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक का अनुदान मिलता है. कुछ विशेष श्रेणी के किसानों जैसे महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति और सीमांत किसानों को यह सब्सिडी और अधिक मिल सकती है.
सरकारी अनुदान का लाभ लेने के लिए किसान को कुछ जरूरी पात्रताएं पूरी करनी होती हैं. सबसे पहले, किसान भारतीय नागरिक होना चाहिए और उसका नाम संबंधित राज्य के किसान पंजीकरण में दर्ज होना अनिवार्य है. इसके अलावा किसान के पास वैध आधार कार्ड, बैंक खाता, भूमि का प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए. महिला किसान, अनुसूचित जाति और जनजाति के किसान तथा छोटे व सीमांत किसान इस योजना के तहत प्राथमिकता के पात्र होते हैं.
सरकारी सब्सिडी के लिए आवेदन की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सरल और डिजिटल हो चुकी है. किसान अपने राज्य की कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय उन्हें आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज, मशीन की खरीद रसीद और तस्वीरें अपलोड करनी होती हैं. आवेदन की जांच पूरी होने के बाद, सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. जिन किसानों को ऑनलाइन आवेदन में कठिनाई हो रही हो, वे अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं.
मूंगफली छिलने वाली मशीन का उपयोग कई मायनों में फायदेमंद है. इससे किसान का श्रम काफी हद तक कम हो जाता है और उत्पादन की गति बढ़ जाती है. मशीन की सहायता से किसान एक ही दिन में बड़ी मात्रा में मूंगफली छील सकता है, जिससे समय की बचत होती है. यह मशीन बिजली या डीजल से चलने वाली होती है और पोर्टेबल (इधर-उधर ले जाने योग्य) होती है, जिससे इसका इस्तेमाल गांवों में भी आसानी से किया जा सकता है. इसके अलावा, मशीन की कीमत भी बहुत अधिक नहीं होती, और यदि किसान समूह में मिलकर खरीदारी करते हैं तो यह और सस्ती पड़ती है.
मूंगफली फोड़ने वाली मशीन पर सब्सिडी की सुविधा भारत के अधिकांश राज्यों में उपलब्ध है. विशेष रूप से मूंगफली उत्पादक राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में यह योजना सक्रिय रूप से लागू है. हालांकि, प्रत्येक राज्य में मिलने वाली सब्सिडी की राशि, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया में थोड़ा अंतर हो सकता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त करें.
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