धान की खेती का मौसम आ चुका है और किसान खेतों में बीज डालने में जुट गए हैं. जल्दी ही रोपाई का काम भी शुरू हो जाएगा. लेकिन हर साल एक समस्या सामने आती है- मजदूरों की कमी. मजदूर नहीं मिलने से रोपाई में देरी होती है, जिससे लागत बढ़ जाती है और फसल समय पर तैयार नहीं हो पाती. बिहार के रोहतास जिले के किसान लालबाबू सिंह ने इस समस्या का हल खोज निकाला है. उन्होंने कई साल पहले ही पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन का इस्तेमाल शुरू कर दिया था. अब वे बिना मजदूरों की मदद के, कम समय और कम खर्च में धान की रोपाई करते हैं.
इस मशीन का इस्तेमाल बहुत ही आसान है. जब नर्सरी में धान के पौधे तैयार हो जाते हैं, तो उन्हें मशीन में डाल दिया जाता है. फिर मशीन अपने आप खेत में पौधे रोपती है. खास बात यह है कि यह मशीन एक साथ चार कतारों में पौधे लगाती है. इससे पौधों को सही दूरी और जगह मिलती है, जो फसल की अच्छी बढ़त के लिए जरूरी है.
यह मशीन सिर्फ 1 लीटर पेट्रोल में 1 घंटे में 1 बीघा खेत में रोपाई कर देती है. यानी किसान को एक बीघा धान की बुवाई करने में केवल 100 रुपये का खर्च आता है. मजदूरी का खर्च भी नहीं होता, जिससे लागत काफी कम हो जाती है.
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इस मशीन से की गई रोपाई से पौधों में कल्लों की संख्या अधिक होती है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ जाती है. एक पौधे में 40 से 60 कल्ले आ सकते हैं. इसका सीधा फायदा यह है कि किसान को अच्छी फसल और ज्यादा मुनाफा मिलता है.
इस तकनीक से किसान को मजदूरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. खेती का काम समय पर पूरा हो जाता है. इससे समय की बचत होती है, मेहनत कम लगती है, और किसान दूसरे जरूरी काम भी कर सकते हैं.
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पहले यह मशीन सिर्फ विदेशों में इस्तेमाल होती थी, लेकिन अब यह भारतीय बाजार में भी मिल रही है. सरकार भी इस मशीन पर सब्सिडी देती है, जिससे किसान इसे कम कीमत में खरीद सकते हैं.
पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन ने धान की खेती को आसान बना दिया है. इससे किसान कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकते हैं. समय, मेहनत और पैसा तीनों की बचत होती है. अगर आप भी धान की खेती करते हैं, तो इस मशीन का इस्तेमाल जरूर करें और अपनी खेती को बनाएं आधुनिक और लाभदायक.