मौजूदा समय में किसानों को खेती करना आसान होता जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसान खेती-बाड़ी में आधुनिक यंत्र यानी मशीनों का इस्तेमाल करने लगे हैं. वहीं, मार्केट में अब कई ऐसी मशीनें भी आ गई हैं जिन्हें चलाने के लिए न तो बिजली की जरूरत होती है ना ही पेट्रोल और डीजल की. दरअसल, बदलते दौर के मशीनों में पेट्रोल-डीजल और बिजली की जगह सौर ऊर्जा यानी सोलर पावर ने ले ली है. देश के किसान अब कम लागत वाली सौर ऊर्जा से चलने वाली मशीनों का इस्तेमाल करने लगे हैं.
वहीं, इससे चलने वाली मशीन के कई फायदे भी हैं. बिजली न होने पर भी ट्यूबवेल, सबमर्सिबल समेत कई कृषि मशीनों को सौर ऊर्जा से चला सकते हैं. वहीं, ये मशीनें सस्ती भी हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इससे चलने वाली कुछ मशीनों के बारे में.
फल सब्जियों और मसाले की खेती करने वाले किसानों को कई बार अच्छी पैदावार होने के बाद भी मार्केट में उचित दाम नहीं मिलते हैं, जिससे उनको घाटा होता है. दरअसल, फल, सब्जियों और मसालों में ज्यादा नमी होने के कारण वो जल्दी खराब होने लगते हैं. ऐसे में उस नमी को सुखाने में सोलर ड्रायर मशीन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस मशीन के कई फायदे हैं. इस मशीन की मदद से फसलों को सुखाकर नमी को कम किया जा सकता है. इस सोलर ड्रायर मशीन में आमतौर पर ऊर्जा पैदा करने के लिए सोलर पैनलों का उपयोग किया जाता है. बड़े सोलर ड्रायर में एक शेड बने होते हैं, जिसमें अनाज को सुखाने के लिए एक रैक और एक सोलर पैनल होता है. शेड में पंखे जरिए गर्म हवा चलाई जाती है. जबकि छोटे सब्जी फल और मसालों के प्रोसेसिंग के लिए सोलर डिहाइड्रेटर होता है. इसकी खास बात है कि शेड के अंदर सुखाने से किसी तरह की गंदगी नहीं रहती है और रंग में ज्यादा बदलाव नहीं आता है.
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अब खेतों में कीटनाशक और खाद के छिड़काव के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मार्केट में सौर ऊर्जा से चलने वाली स्प्रेयर मशीन आ गई है. इस मशीन को Niyo farm tech के द्वारा बनाया गया है. इस स्प्रेयर को सौर ऊर्जा से चलाया जाता है. वहीं, इस मशीन की खासियत ये है कि ये छः लोगों का काम अकेले करेगी.
इस मशीन से एक एकड़ फसल पर लिक्विड खाद और कीटनाशक का छिड़काव करने में मात्र 15 मिनट से 30 मिनट का समय लगता है. इस मशीन की खासियत की बात करें तो इसकी टैंक कैपेसिटी 18 लीटर है. इसके अलावा किसानों के कंधे पर टांगने के लिए मजबूत नाईलॉन का बेल्ट लगा हुआ है.
फसलों को कीटों से बचाने के लिए कई बार किसान रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करते हैं. इससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ कीटों में सहनशीलता पैदा हो रही है. ऐसे में कीट नियंत्रण के लिए अधिक डोज देनी पड़ रही है, जिससे किसानों पर अधिक खर्च आ रहा है. साथ ही इससे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ने लगा है. ऐसे में फसलों को कीटों से बचाने के लिए किसान सोलर लाइट ट्रैप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
इस मशीन के उपयोग से किसानों का खर्च कम और लाभ अधिक होगा. कीट नियंत्रण करने लिए खेतों में असरदार सोलर लाइट ट्रैप को बाहर से ऊर्जा की जरूरत नहीं होती है. इसकी बैटरी सूर्य की रोशनी से ही चार्ज होती है. वहीं, सोलर ट्रैप की खासियत ये है कि इसकी रोशनी को देखते ही कीट इसकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं. फिर इसमें जो जाली लगी होती है वहां जाकर फंस जाते हैं.