बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बासु), पटना के संजय गांधी दुग्ध प्रौद्योगिकी संस्थान (एसजीआईडीटी) में राज्य का दूसरा अत्याधुनिक इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा. यह केंद्र प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत स्थापित होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य बिहार में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमिता को सशक्त करना है. जिसको लेकर बीते दिनों बासु और उद्योग विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) गया. 222.55 लाख रुपये की लागत से बनने वाला यह इन्क्यूबेशन सेंटर 31 मार्च, 2026 तक तैयार हो जाएगा.
संजय गांधी दुग्ध प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर में स्थापित होने वाला यह इन्क्यूबेशन सेंटर प्रतिवर्ष 150 मीट्रिक टन खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उत्पादों का उत्पादन करेगा. एसजीआईडीटी इन्क्यूबेशन सेंटर में प्रमुख चार प्रसंस्करण प्रस्तावित हैं, जिनमें सब्जियों का प्राथमिक प्रसंस्करण और कोल्ड स्टोरेज, आलू चिप्स निर्माण, अचार निर्माण, और टमाटर केचप और प्यूरी का निर्माण शामिल है. इन इकाइयों की डिजाइनिंग 'एक जिला एक उत्पाद' और बाजार की मांग को ध्यान में रखकर की गई है.
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि यह केंद्र नवाचार, प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन का एक साझा मंच बनेगा. इस सेंटर के जरिए स्वयं-सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों, सूक्ष्म उद्यमों और स्टार्टअप्स को कृषि उपज को मूल्यवर्धित उत्पादों में बदलने का अवसर मिलेगा. यह परियोजना बिहार के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करने के साथ-साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. सेंटर का संचालन एक चयनित एजेंसी द्वारा कस्टम हायरिंग मॉडल के तहत किया जाएगा, जिससे यह सुविधा किफायती और प्रभावी बनी रहे. यह इन्क्यूबेशन केंद्र डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर में मौजूद केंद्र का पूरक होगा.
222.55 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस इन्क्यूबेशन केंद्र के एमओयू के दौरान उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, निदेशक खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय निखिल धनराज निप्पणीकर, बासु के कुलपति डॉ. इंदरजीत सिंह और एसजीआईडीटी के डीन डॉ. उमेश सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. सभी ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे राज्य के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया.