देश में अगले 5 साल में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती तेजी से बढ़ने वाली है. क्योंकि, इसके लिए कम भूमि के साथ ही 90 फीसदी कम पानी की जरूरत होती है. यह पॉलीहाउस में की जाती है घटती हुई कृषि योग्य भूमि, जल संकट और शहरीकरण जैसी चुनौतियों का सॉल्यूशन देती है. हाइड्रोपोनिक्स तकनीक किसानों तक पहुंचा रही दिग्गज एग्रीटेक सॉल्यूशन कंपनी ब्रिओ हाइड्रोपोनिक्स (Brio Hydroponics) के फाउंडर और सीईओ जय कुमार भट्ट ने इंडिया टुडे के एग्रीकल्चर प्लेटफॉर्म 'किसान तक' से विशेष बातचीत में इसके फायदे और चुनौतियों पर खुलकर बात की है. उन्होंने कहा कि विदेशों में इस तकनीक से सब्जी और बागवानी फसलें खूब उगाई जा रही हैं और अच्छी क्वालिटी के साथ ही बंपर उपज देखने को मिल रही है.
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से सब्जियों और फलों की खेती विदेशों में तेजी से बढ़ रही है और अब यह तकनीक भारत में तेजी से विकसित हो रही है. ब्रिओ हाइड्रोपोनिक्स (Brio Hydroponics) के फाउंडर जय कुमार भट्ट ने बताया कि भारत में जिस तरह से इस तकनीक को अपनाया जा रहा है यह स्थिति अगले 5 साल में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से सब्जियों का उत्पादन 4 गुना बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि शहरों में 50 फीसदी से अधिक फसलों की आपूर्ति हाइड्रोपोनिक फार्म्स से होगी.
सीईओ जय कुमार भट्ट ने बताया कि 2030 तक हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती का दायरा भारत और विश्व में तेजी से बढ़ने की संभावना है. बदलती पर्यावरणीय स्थिति, जल की कमी, शहरीकरण और हाई क्वालिटी वाली जैविक उपज की बढ़ती मांग को देखते हुए यह तकनीक कृषि का भविष्य बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि देश में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती 2030 तक कुल कृषि क्षेत्र का 5-8 फीसदी हिस्सा हथिया लेगी. उन्होंने बताया कि ग्लोबल मार्केट ग्रोथ तेजी से बढ़ रही है. 2022 में ग्लोबल हाइड्रोपोनिक्स बाजार करीब 12-15 बिलियन डॉलर का था. अनुमान है कि 2030 तक यह 20-25 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ 50-60 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा.
सीईओ ने कहा कि हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने पर सर्वाधिक सकारात्मक असर पर्यावरणीय पर देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा इस तकनीक से खेती में 50-70 फीसदी तक कम पानी का इस्तेमाल होता है. कुछ मामलों में तो 90 फीसदी तक पानी की बचत देखी गई है. इसके अलावा के मिट्टी क्षरण और कीटनाशकों के इस्तेमाल से बचाव होगा और प्रदूषण रहित और टिकाउ खेती हो सकेगी. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती को ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है. भारत के शहरी इलाकों में वर्टिकल फार्म्स की स्थापना हो रही है और इसमें उनकी कंपनी ब्रिओ हाइड्रोपोनिक्स लोगों की मदद कर रही है. मेट्रो सिटीज जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, और चेन्नई में ताजा उपज की मांग भी बढ़ती देखी जा रही है.
सीईओ ने बताया कि हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती को अपनाने के लिए युवा ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. लेकिन, इसके लिए ट्रेनिंग और ढांचे को समझना बहुत जरूरी है. इसलिए उनकी कंपनी भी किसानों और युवा उद्यमियों को हाइड्रोपोनिक तकनीक में प्रशिक्षित कर रही है. जबकि, सरकार को भी इस ओर ध्यान देना होगा. इससे कई कृषि आधारित स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि देश के 50,000 से अधिक किसानों और उद्यमी इस तकनीक से खेती में जुड़ सकते हैं.
सीईओ जय कुमार भट्ट ने बताया कि ब्रियो हाइड्रोपोनिक्स अहमदाबाद स्थित एक प्रमुख कंपनी है जो हाइड्रोपोनिक खेती के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और उत्पादों के विकास पर केंद्रित है. उनके वर्तमान और आगामी इनोवेशन के जरिए किसानों और युवाओं की मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि ब्रियो हाइड्रोपोनिक्स अपने प्रोजेक्ट्स में कंप्लीट ऑटोमेशन की सुविधा देता है, जिससे खेती की प्रक्रियाएं अधिक कुशल और प्रभावी बनती हैं. इसके लिए वह ऑटोडोज़र सॉफ्टवेयर (Autodosar Software) का इस्तेमाल करते हैं. यह आसान सॉफ्टवेयर वास्तविक समय में जलवायु, तापमान और अन्य बदलावकारी डेटा का आकलन करता है, जिससे पौधों की वृद्धि के लिए उपयुक्त वातावरण बनाने में मदद मिलती है.
सीईओ ने बताया कि बड़े पैमाने पर हाइड्रोपोनिक्स प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है. ब्रियो हाइड्रोपोनिक्स ने 10,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है. उन्होंने कहा कि उन्नति प्रोजेक्ट (Unnati Project) के तहत गुजरात के तलोद में स्थित 100 एकड़ का वाणिज्यिक हाइड्रोपोनिक्स पार्क विकसित किया गया है. यह प्रोजेक्ट निवेशकों के लिए एक स्मार्ट अवसर उपलब्ध कराता है. ब्रियो हाइड्रोपोनिक्स लगातार नए उत्पादों और तकनीकों के विकास कर रहा है, जिससे अपने ग्राहकों को उन्नत और कुशल समाधान दिए जा सकें.