हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एआई तकनीक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. कृषि कार्यों में कई मॉडर्न उपकरणों के इस्तेमाल के बाद कृषि उपज समेत अन्य कार्यों के लिए एआई तकनीक से लैस सिस्टम मिलने जा रहा है. दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री खेती के विकास के उद्देश्य से और फसलों के नुकसान को रोकने के लिए एआई तकनीक से लैस कीट मैनेजमेंट सिस्टम आज लॉन्च करेंगे. इस दौरान वह 1000 किसानों और परिवारों से भी मिलेंगे.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसानों को सम्मानित करने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए 1,000 से अधिक किसानों और उनके जीवनसाथियों को आमंत्रित किया. इन किसानों में पीएम किसान सम्मान निधि योजना, पीएम फसल बीमा योजना और एफपीओ प्रतिनिधियों जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी भी शामिल हैं.
कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 15 अगस्त को पूसा स्थित सुब्रमण्यम हॉल में किसानों के साथ बातचीत करेंगे. इस मौके पर राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) का शुभारंभ करेंगे. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की यह डिजिटल पहल समय पर और सटीक कीट प्रबंधन सलाह देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है. इस कीट मैनेजमेंट सिस्टम में यूजर के लिए एक मोबाइल ऐप्लीकेशन और एक वेब पोर्टल शामिल है, जो सभी किसानों को आसानी से इसका लाभ देगी.
कीट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए तुरंत डेटा और मॉडर्न एनालिटिक्स का लाभ उठाकर कीटों की सटीक पहचान, निगरानी की जा सकेगी. कीट मैनेजमेंट सिस्टम से किसानों को लाभ होगा, क्योंकि यह कीटों के हमलों और फसल रोगों के लिए तुरंत समाधान देता है. इसके अलावा फसलों के नुकसान को कम करता है और उत्पादन में बढ़ोत्तरी में मददगार है. कीट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए कृषि को आधुनिक बनाने, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने और खेती की टिकाऊ कार्य प्रणालियों को बेहतर करने की दिशा में अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है.
पहले दिन 14 अगस्त को आमंत्रित किसानों को पूसा परिसर में खेती के तरीकों, नई तकनीक, नई किस्मों, सिंचाई समेत कृषि कार्यों को लेकर जानकारी दी गई. किसानों ने वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की. इसके अलावा ग्रीन हाउस सजावटी नर्सरी, ड्रिप सिंचाई के तहत सब्जी की खेती, मशरूम यूनिट, पोषक तत्व प्रबंधन प्लॉट, फार्म मशीनरी वर्कशॉप, पर्ल मिलेट ब्लॉक, चावल ब्लॉक, कंपोस्टिंग यूनिट समेत अन्य तकनीक और विधियों की जानकारी दी गई.