किसानों के बीच ड्रोन तकनीक को दिया जा रहा बढ़ावा, सरकार की ओर से दी जा रही 50% की सब्सिडी

किसानों के बीच ड्रोन तकनीक को दिया जा रहा बढ़ावा, सरकार की ओर से दी जा रही 50% की सब्सिडी

ड्रोन के काम करने के तरीके को देखकर इकदिल क्षेत्र के ग्राम फुफई के निवासी किसान कोमल सिंह ने इस तकनीक को अच्छा बताया है. उन्होंने कहा कि यूरिया खाद की बचत होगी फायदा ज्यादा होगा लेबर का खर्चा बचेगा. लेकिन जब इसका प्रयोग करेंगे तब सच्चाई पता चलेगी कि कीमत इसकी कितनी ज्यादा है.

Drone technologyDrone technology
अमित तिवारी
  • Etawah,
  • Nov 28, 2023,
  • Updated Nov 28, 2023, 3:58 PM IST

किसानों की आय बढ़ाने को लेकर पक्ष और विपक्ष की ओर से लगातार प्रयास और आरोप का खेल चलता रहता है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में किसानों की आबादी बढ़ने से किसान खेती का बहुत सारा काम करके अपना जीवन यापन करते हैं. लेकिन फसलों की लगातार बढ़ती लागत और सस्ती बिक्री के कारण किसानों का मुनाफ़ा कम होता जा रहा है.

जिसके लिए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. वहीं फसलों में इस्तेमाल होने वाले उर्वरक की बात करें तो ज्यादातर समय उर्वरक की कमी हो सकती है. जिसके कारण किसानों को ब्लैक में उर्वरक खरीदना पड़ता है जो महंगा होता है. जिससे फसल की मेहनत और लागत बढ़ जाती है. कालाबाजारी और किसानों की लागत कम करने के लिए सरकार ने अत्याधुनिक तकनीक के जरिए ड्रोन के जरिए फसलों की सिंचाई और खाद देने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है.

ड्रोन पर दी जा रही 50% की सब्सिडी

सरकार के प्रयासों से इफको कंपनी के माध्यम से इटावा जिले के विभिन्न स्थानों पर किसानों के बीच ड्रोन के उपयोग और खेतों में सिंचाई, दवाओं के छिड़काव और उर्वरक डालने की प्रक्रिया को दिखाया जा रहा है. ड्रोन को देखकर किसानों में उत्सुकता बढ़ गई है और उन्होंने इस ड्रोन से होने वाली छिड़काव प्रक्रिया को अच्छा माना है. सरकार के द्वारा जो भी किसान ड्रोन को खरीदने हैं तो उनको 50% की सब्सिडी भी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें: झारखंड में ड्रोन से होगी फसलों की निगरानी, खोले जाएंगे 167 फसल सुरक्षा केंद्र

ड्रोन से छिड़काव के फायदे

हालांकि ड्रोन की कीमत 10 लाख रुपए है जो कि किसानों के लिए अधिक होने पर 5 लाख की सब्सिडी सरकार की तरफ से दिए जाएगी. 15 किलो वजन का ड्रोन 10 मिनट में 1 एकड़ खेत में 10 लीटर नैनो यूरिया का छिड़काव कर सकता है. जिससे समय, लेबर का खर्चा और पानी की बचत विशेष तौर पर होगी जो फसलों की लागत को कम करेगी.

किसानों ने कहा अच्छी है यह तकनीक

ड्रोन के काम करने के तरीके को देखकर इकदिल क्षेत्र के ग्राम फुफई के निवासी किसान कोमल सिंह ने इस तकनीक को अच्छा बताया है. उन्होंने कहा कि यूरिया खाद की बचत होगी फायदा ज्यादा होगा लेबर का खर्चा बचेगा. लेकिन जब इसका प्रयोग करेंगे तब सच्चाई पता चलेगी कि कीमत इसकी कितनी ज्यादा है. किसान खर्च नहीं कर पाएगा, इसका किराया कम लगेगा तब इसका प्रयोग कर पाएंगे.

इसी गांव के निवासी किसान छेदी लाल ने कहा हमारे पास 10 बीघा जमीन है. हम उस जमीन में सरसों, आलू, गेंहू फसलों में पैदा करते हैं. खाद डालने की दिक्कत होती है तो मजदूर ढूंढना पड़ता है. जिससे परेशानी भी होती है. इस ड्रोन से लेबर की बचत होगी और खर्चा भी कम आएगा. 1 एकड़ में छिड़काव तुरंत कर देगा, यह बढ़िया चीज है. हम लोग किराए पर ही इसको प्रयोग कर पाएंगे खरीद नहीं पाएंगे.

सेल्स मैनेजर ने दी ये जानकारी

सेल्स मैनेजर आशीष यादव के मुताबिक सरकार की ओर से ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन मुफ्त में किया जा रहा है. किसानों को इसकी जानकारी दी जा रही है. जब भी हम किसानों को नैनो यूरिया, डीएपी देते हैं तो वे नाराज हो जाते हैं. इलाके में ड्रोन का प्रदर्शन किया जा रहा है. ड्रोन के माध्यम से एक बीघे में नैनो उर्वरक का छिड़काव करके दिखाया जा रहा है. यह कार्य बिल्कुल निःशुल्क किया जा रहा है. वे सामान्य डीएपी बोरी से अंतर भी दिखा रहे हैं ताकि किसान को अंतर नजर आ सके.

सीखें खेतों में छिड़काव का गणित

किसान फिलहाल एक बीघे में टैंक के माध्यम से छिड़काव करता है. जानिए 30 लीटर पानी में कैसे करें छिड़काव. नैनो टेक्नोलॉजी के जरिए 10 लीटर में 5 बीघे में छिड़काव होगा. इससे पानी भी बचेगा और समय भी बचेगा. इससे उर्वरकों की कमी नहीं होगी तथा किसानों को सुविधा एवं लाभ मिलेगा. उदाहरण के तौर पर अगर कोई किस लेना चाहता है तो उसे 5 लाख रुपये की सब्सिडी भी मिलेगी. 300 रुपये किराये पर भी यह 15 मिनट में 5 बीघे में स्प्रे कर देगा.

MORE NEWS

Read more!