ट्रैक्टर एक ऐसी चीज है जिसका अगर सही से ध्यान ना रखा जाए तो किसान की जेब पर बहुत भारी पड़ सकता है. कई बार ऐसा होता भी है कि आपका ट्रैक्टर खराबी के संकेत दे रहा होता है मगर आप इसे नजरंदाज कर देते हैं और आगे जाकर कोई बड़ी दिक्कत आ जाती है. ट्रैक्टर के इंजन की सेहत का सबसे बड़ा संकेत होता है इसका धुआं इंजन का धुआं किस रंग का और कितना आ रहा है, इससे इंजन के बारे में कई सारी चीजें पता लग सकती हैं. इसलिए आज हम आपको ट्रैक्टर से निकलने वाले धुएं के संकेत और इसके कारण बता रहे हैं.
वैसे तो ट्रैक्टर से धुआं आना एक सामान्य बात है. अगर आप एक दम से इंजन पर लोड बढ़ाएंगे या फिर तेज रेस देंगे तो कुछ सेकेंड के लिए धुआं आ जाता है. ट्रैक्टर को स्टार्ट करने पर भी कुछ सेकेंड के लिए धुआं आता है. मगर ट्रैक्टर के साइलेंसर से काफी देर तक या फिर लगातार धुआं आना बड़ी दिक्कत का संकेत है. ट्रैक्टर में इस तरह से धुआं आने के कई कारण हो सकते हैं.
ट्रैक्टर से धुआं आने का सबसे पहला कारण हो सकता है इंजन में सही से डीजल का ना जल पाना. जब इंजन के भीतर डीजल जरूरत से कम या ज्यादा जलाता है तो साइलेंसर से धुआं निकलने लगता है. ये तब होता है जब इंजन के पिस्टन तक डीजल सही से ना पहुंच पाए और पिस्टन तक डीजल सही से ना पहुंच पाने के पीछे फ्यूल सिस्टम में खराबी हो सकती है. इस फ्यूल सिस्टम में डीजल फिल्टर होता है और इंजेक्टर पंप होता है. अगर इन दोनों ही चीजों में से किसी एक में खराबी आई तो ये धंआ आने का कारण बन सकता है.
अगर ट्रैक्टर के एयर फिल्टर में गंदगी है या फिर ये चोक हो गया हो तो इंजन तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाएगी और पावर बनाने के लिए ये ज्यादा डीजल जलाता है जिससे धुआं भी अधिक आता है. वहीं अगर आपने ट्रैक्टर में कोई लो-ग्रेड का डीजल इस्तेमाल किया है तो भी ये धुआं आने का कारण बन सकता है.
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