इंडिया चेम्बर्स ने न्यूट्रिफाई टुडे के फाउंडर और सीईओ, अमित श्रीवास्तव को अपने रूरल इकनॉमिक फोरम के गवर्निंग बोर्ड में शामिल किया है. यह नियुक्ति One India Project के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में आर्थिक विकास को तेज़ करना है. इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व डॉ. नितिन पंगोत्रा कर रहे हैं. इसका मकसद है ग्रामीण क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी, टिकाऊ कृषि, और मज़बूत सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना. अमित श्रीवास्तव की नियुक्ति इस दिशा में एक बड़ा कदम है.
अमित श्रीवास्तव ने Nutrify Today के ज़रिए NutrifyGenie AI नाम की टेक्नोलॉजी विकसित की है. यह एक अत्याधुनिक AI प्लेटफॉर्म है जो न्यूट्रास्युटिकल रिसर्च को बढ़ावा देता है. यह टेक्नोलॉजी अब कई अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में छपी रिसर्च का हिस्सा बन चुकी है. डॉ. पंगोत्रा का कहना है, "अमित श्रीवास्तव ने सप्लाई चेन को लोकतांत्रिक बनाकर और न्यूट्रास्युटिकल साइंस को आगे बढ़ाकर देश को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया है."
अपने नए रोल में, श्रीवास्तव कई महत्वपूर्ण पहल करेंगे:
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
AI आधारित ट्रेसबिलिटी सिस्टम से किसानों और उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शिता बढ़ाई जाएगी.
किसानों का सशक्तिकरण
छोटे किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.
सप्लाई चेन में नवाचार
NutrifyGenie AI के ज़रिए खेती से लेकर प्रोसेसिंग और मार्केटिंग तक पूरी प्रक्रिया को बेहतर बनाया जाएगा.
रिसर्च में सहयोग
IIT कानपुर और ICMR के साथ मिलकर पोषण सुरक्षा का राष्ट्रीय रोडमैप तैयार किया जाएगा.
पर्यावरण संरक्षण
"GauVan" नाम की परियोजना के माध्यम से कार्बन अवशोषण और रोजगार दोनों को बढ़ावा दिया जाएगा.
भारत का न्यूट्रास्युटिकल बाज़ार 2015 में $2 बिलियन से बढ़कर 2025 में $20 बिलियन तक पहुंच गया है. यह सेक्टर 13.5% की दर से हर साल बढ़ रहा है और वैश्विक बाज़ार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है. अमित श्रीवास्तव कहते हैं, "जब मकसद साफ हो, तो रास्ता खुद बन जाता है. इंडिया चेम्बर्स के साथ जुड़कर मुझे गर्व हो रहा है."
इस नियुक्ति के साथ, श्रीवास्तव ग्रामीण भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देंगे, जिससे किसान उद्यमी बनेंगे और गांव नवाचार के केंद्र बनेंगे. यह One India Project को हकीकत में बदलने की दिशा में एक मजबूत कदम है.
अमित श्रीवास्तव की यह नियुक्ति न केवल ग्रामीण भारत के आर्थिक विकास के लिए अहम है, बल्कि यह भारत को न्यूट्रास्युटिकल और फूड-टेक के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.
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