भारत सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक नया और स्मार्ट तरीका अपनाया है. पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत अब किसानों को उनके सवालों के जवाब देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट 'किसान-ए-मित्र' लॉन्च किया गया है. यह कदम किसानों की सुविधा और जागरूकता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है.
'किसान-E-मित्र' एक AI तकनीक पर आधारित चैटबॉट है, जो किसानों के सवालों का तेजी से और सही जवाब देने में सक्षम है. यह चैटबॉट 24x7 काम करता है और किसानों को पीएम किसान योजना से जुड़ी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराता है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने AI का उपयोग करके किसानों को डिजिटल सहायता देने की दिशा में अहम कदम उठाया है. उन्होंने यह भी कहा कि AI का उपयोग सिर्फ कृषि तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका विस्तार स्वास्थ्य, स्मार्ट शहर और अन्य क्षेत्रों में भी किया जाएगा.
सरकार ने देश में AI आधारित नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कुछ खास संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सेलेंस (Centre of Excellence - CoE) बनाने का फैसला किया है. इनमें मुख्य रूप से ये संस्थान शामिल हैं:
ये सभी संस्थान आपस में सहयोग करके शोध, विकास और समाधान तैयार करेंगे.
इस नेटवर्क में कई प्रमुख शैक्षणिक और तकनीकी संस्थान भी शामिल हैं जो उद्योगों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर काम करेंगे. इनमें शामिल हैं:
इन सभी संस्थानों का उद्देश्य AI का भारतीय संदर्भ में विकास और उसका व्यवहारिक उपयोग करना है.
सरकार ने वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक के लिए 990 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, ताकि भारत में AI तकनीक का विकास हो और वह आम जनता के लिए काम कर सके. इसका मकसद है:
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