टेक्नोलॉजी से बदल रही है भारत की खेती, कम खर्च में किसानों को मिल रहा अधिक मुनाफा

टेक्नोलॉजी से बदल रही है भारत की खेती, कम खर्च में किसानों को मिल रहा अधिक मुनाफा

भारत में खेती अब सिर्फ़ ज़मीन तक ही सीमित नहीं रही है. एग्रीटेक स्टार्टअप और नई टेक्नोलॉजी की मदद से किसान ज़्यादा स्मार्ट और फ़ायदेमंद तरीकों से फ़सल उगा रहे हैं. जानें कि कैसे डिजिटल एग्रीकल्चर, AI और स्टार्टअप भारतीय किसानों की दुनिया को बदल रहे हैं.

स्मार्ट फ़ार्मिंग से बादल रही किसानों की किस्मतस्मार्ट फ़ार्मिंग से बादल रही किसानों की किस्मत
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 21, 2025,
  • Updated Dec 21, 2025, 1:47 PM IST

भारत में करीब 70% लोग खेती पर निर्भर हैं. खेती सिर्फ खाने के लिए नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी और देश की सुरक्षा का भी आधार है. लेकिन खेती में कई मुश्किलें हैं- जैसे छोटे खेत, मौसम के अचानक बदलाव, सही सुविधाओं की कमी, कम पैदावार और कीमतों में उतार-चढ़ाव. इसलिए अगर भारत 8% की अर्थव्यवस्था बढ़ाना चाहता है, तो खेती को हर साल 4% बढ़ना होगा.

स्टार्टअप्स ला रहे हैं नई राह

आजकल नए-नए स्टार्टअप्स खेती में बहुत बदलाव ला रहे हैं. स्टार्टअप्स ऐसे छोटे बिजनेस होते हैं जो नई और स्मार्ट आइडियाज के साथ काम करते हैं. पिछले दस साल में भारत में कृषि स्टार्टअप्स की संख्या 50 से बढ़कर 7,000 से ज्यादा हो गई है. इसका मतलब सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि यह है कि लोग अब खेती को सिर्फ जमीन में फसल उगाने का काम नहीं मानते, बल्कि इसे डेटा और तकनीक से जोड़कर एक स्मार्ट बिजनेस बना रहे हैं.

नई तकनीक से खेती आसान

  • नई तकनीक किसानों को मदद करती है कि वे सही फैसले लें, खतरे कम करें और ज्यादा पैदावार पाएं.
  • सॉइल मैपिंग: मिट्टी का डेटा देखकर फसल की सही तैयारी.
  • डिजिटल मार्केटप्लेस: अच्छे बीज, उर्वरक और उपकरण आसानी से खरीदना.
  • एप-बेस्ड सलाह: मौसम और फसल की जानकारी मोबाइल पर.

तेलंगाना के किसानों की कहानी

तेलंगाना में नई तकनीक की मदद से किसानों ने अपनी मिर्च की पैदावार 21% बढ़ाई, कीटनाशक का इस्तेमाल 9% कम किया और उर्वरक का इस्तेमाल 5% कम किया. इसके अलावा, फसल की गुणवत्ता बढ़ने से कीमत भी 8% बढ़ गई.

सरकार और स्टार्टअप्स का मिलकर काम

  • सरकार भी तकनीक को अपनाने में मदद कर रही है.
  • डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन: खेती के लिए डिजिटल सिस्टम तैयार करना.
  • एग्रीस्टैक और राष्ट्रीय मिट्टी मानचित्र: किसानों को सटीक सलाह देने में मदद.

एआई की सफलता

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से किसानों को फसल बढ़ाने और खर्च कम करने में मदद मिलती है. रिपोर्ट बताती है कि जब सरकार, स्टार्टअप्स और किसान मिलकर काम करते हैं, तभी तकनीक सही तरीके से काम करती है.

चुनौतियां और भविष्य

हालांकि, कुछ मुश्किलें हैं- जैसे स्टार्टअप्स के लिए निवेश कम हो रहा है और कुछ बिजनेस बंद भी हो रहे हैं. भविष्य में नई तकनीक को अपनाने के लिए और सहयोग, रिसर्च और निवेश की ज़रूरत है.

खेती अब सिर्फ जमीन पर काम करने का नाम नहीं है. नई तकनीक और स्टार्टअप्स से यह स्मार्ट, डेटा-आधारित और लाभदायक व्यवसाय बन रही है. अगर सभी मिलकर काम करें, तो किसानों की जिंदगी और देश की अर्थव्यवस्था दोनों मजबूत हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें

भगवा रंग में यहां पहनाए जा रहे 'काउ-कोट', कड़ाके की ठंड में पशुओं की सुरक्षा
मिट्टी में नमी की निगरानी अब और भी सस्ती, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बनाया खास डिवाइस

MORE NEWS

Read more!