Agricultural Machinery: मक्का की खेती आसान बनाएंगे ये 10 आधुनिक यंत्र, जानें कीमत और सब्सिडी

Agricultural Machinery: मक्का की खेती आसान बनाएंगे ये 10 आधुनिक यंत्र, जानें कीमत और सब्सिडी

मक्का की खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग न केवल लागत को कम करता है, बल्कि पैदावार को भी बढ़ाता है. सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लेकर किसान अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकते हैं. अगर आप भी मक्का की खेती करते हैं तो इन यंत्रों और योजनाओं का जरूर लाभ उठाएं.

कृषि मशीनकृषि मशीन
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 16, 2025,
  • Updated Jun 16, 2025, 5:49 PM IST

मक्का खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है, जिसकी खेती भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. परंपरागत तरीकों से मक्का की खेती करना अब महंगा और मेहनत भरा हो गया है. इसलिए, कम लागत में अधिक लाभ पाने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल जरूरी हो गया है. इन यंत्रों की मदद से न सिर्फ खेती में मेहनत कम होती है, बल्कि पैदावार भी बेहतर होती है.

1. ट्रैक्टर

मक्का की खेती की शुरुआत खेत की जुताई से होती है और इसके लिए सबसे जरूरी मशीन ट्रैक्टर है. ट्रैक्टर से जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई और अन्य कई कार्य किए जाते हैं. ट्रैक्टर की कीमत लगभग 3 लाख से 10 लाख रुपये तक होती है. सरकार की ओर से ट्रैक्टर पर 20% से 50% तक की सब्सिडी दी जाती है, जो किसान की श्रेणी और राज्य पर निर्भर करती है.

2. कल्टीवेटर

कल्टीवेटर का उपयोग खेत की मिट्टी को भुरभुरा बनाने और खरपतवार हटाने के लिए होता है. यह ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है. इसकी कीमत ₹25,000 से ₹60,000 तक होती है. सरकार इस पर लगभग 40% सब्सिडी देती है.

3. स्टेनलेस स्टील हल और डिस्क हल

ये यंत्र खेत की गहराई तक जुताई करते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है. इनकी कीमत 20,000 से 70,000 रुपये तक होती है और सरकार 30% से 50% तक सब्सिडी देती है.

4. एम.आई.पी. हल

यह यंत्र विशेष रूप से सूखी और कठिन भूमि की जुताई के लिए बनाया गया है. इसकी कीमत 30,000 से 75,000 रुपये तक होती है. यदि यह यंत्र राज्य की अनुदान सूची में शामिल है तो इस पर सब्सिडी मिलती है.

5. सीड ड्रिल

सीड ड्रिल मक्का के बीजों को निश्चित गहराई और दूरी पर बोती है. इससे बीजों की बर्बादी नहीं होती और पौधे समान रूप से विकसित होते हैं. इसकी कीमत 30,000 से 80,000 रुपये तक होती है. लघु व सीमांत किसानों को इस पर 50% तक सब्सिडी मिल सकती है.

6. थ्रेशर

थ्रेशर का उपयोग कटाई के बाद मक्का के दानों को बालियों से अलग करने के लिए किया जाता है. इसकी कीमत 50,000 से 1.5 लाख रुपये तक होती है. इस पर 30% से 50% तक सब्सिडी मिलती है, जो राज्य के अनुसार अलग हो सकती है.

7. कंबाइन हार्वेस्टर

कंबाइन हार्वेस्टर मक्का की कटाई, थ्रेशिंग और सफाई का काम एक ही बार में करता है. इसकी कीमत 15 लाख से 30 लाख रुपये तक होती है. इस पर 40% तक की सब्सिडी दी जाती है, खासकर संयुक्त किसान समूहों को प्राथमिकता मिलती है.

8. पावर वीडर 

पावर वीडर का उपयोग खेत से खरपतवार हटाने और मिट्टी को ढीला करने के लिए होता है. इसकी कीमत 50,000 से 1 लाख रुपये तक होती है और इस पर लगभग 40% सब्सिडी मिल सकती है.

9. सीड बिन

सीड बिन का उपयोग बीजों को नमी और कीड़ों से बचाने के लिए किया जाता है. इसकी कीमत 5,000 से 20,000 रुपये तक है और इस पर 30% सब्सिडी मिलती है.

11. स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई सिस्टम

इन सिंचाई प्रणालियों से पानी की बचत होती है और फसल को नियमित नमी मिलती है. इसकी कीमत 25,000 से 1 लाख रुपये तक होती है, जो खेत के क्षेत्रफल पर निर्भर करती है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत इस पर 50% से 70% तक सब्सिडी मिलती है.

कृषि यंत्रों पर सब्सिडी कैसे पाएं?

सरकारी सब्सिडी पाने के लिए किसान को अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है. इसके लिए निम्न दस्तावेज जरूरी होते हैं:

  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
  • भूमि रिकॉर्ड
  • बैंक पासबुक
  • आधार कार्ड

सब्सिडी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत दी जाती है. राज्य सरकारें समय-समय पर आवेदन आमंत्रित करती हैं, जिनमें किसान भाग लेकर लाभ उठा सकते हैं.

ये भी पढ़ें:

2025 में छाए हुए हैं ये महिंद्रा के 5 ट्रैक्टर, खेती को बनाएंगे आसान
किसान ड्रोन योजना 2025, पाएं 90 फीसद सब्सिडी और मुफ्त ट्रेनिंग!

MORE NEWS

Read more!