App for Crops : महज एक क्लिक से किसान जान सकेंगे अपनी फसल और मिट्टी की सेहत का हाल

App for Crops : महज एक क्लिक से किसान जान सकेंगे अपनी फसल और मिट्टी की सेहत का हाल

सूचना क्रांति के इस दौर में Artificial Intelligence (AI) अब खेती किसानी में भी किसानों के लिए मददगार साबित हो रहा है. इसकी बदौलत वैज्ञानिक किसानों के लिए ऐसे Mobile App विकसित कर रहे हैं, जो फसल प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों को आसान बना देते हैं. इस कड़ी में आईआईटी इंदौर ने ICAR के साथ मिलकर किसानों के लिए दो मोबाइल ऐप विकसित किए हैं.

पीएम किसान ऐपपीएम किसान ऐप
न‍िर्मल यादव
  • Indore ,
  • Aug 16, 2024,
  • Updated Aug 16, 2024, 7:34 PM IST

किसानों के लिए फसल और मिट्टी में लगने वाले रोगों के कारण उपज पर पड़ रहा असर, खेती की लागत को बढ़ा रहा है. रोग एवं कीट प्रबंधन पर किसानों का लगातार बढ़ रहा खर्च खेती को मुनाफे का सौदा बनने की राह में सबसे बड़ा बाधक बन गया है. ऐसे में कृष‍ि वैज्ञानिकों ने IT Experts के साथ मिलकर किसानों के लिए फसल प्रबंधन को आसान बनाने के लिए Mobile Apps का सहारा लिया है. भारतीय कृष‍ि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने इंदौर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT-I) के साथ मिलकर Crop Management की जरूरतों को पूरा करने वाले दो मोबाइल ऐप विकसित किए हैं. इनकी मदद से किसानों के लिए न केवल, अपनी फसल, बल्कि खेत की मिट्टी में लगे रोगों की पहचान करके उसका तत्काल इलाज करना बेहद आसान हो जाएगा.

फसल के पोषण का भी रखा जाएगा ख्याल

आईसीएआर के भोपाल स्थित केंद्रीय कृष‍ि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने आईआईटी इंदौर के साथ मिलकर 'कृष‍ि सेवा' और 'क्रॉप डॉक्टर' नामक दो मोबाइल ऐप विकसित किए हैं. इनकी मदद से किसान अपनी फसल में कोई रोग को Advanced Stage में ही पहचान सकेंगे.

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कृष‍ि सेवा ऐप को IIT-I के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर अरुणा तिवारी की अगुवाई वाली टीम ने ICAR के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. शश‍ि रावत के साथ मिलकर विकसित किया है. कृष‍ि सेवा ऐप की मदद से किसानों को Crop Health और उत्पादकता को बेहतर बनाने वाले Helping Tools मिलेंगे.

क्रॉप डॉक्टर एप बताएगा फसल की सेहत

वैज्ञानिकों ने 'Crop Doctor App' खासतौर से फसलों की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए डिजाइन किया है. इसकी मदद से किसान रोग और कीट के प्रकोप से फसल को बचा सकेंगे. प्रो. तिवारी द्वारा विकसित किया गया यह ऐप सोयाबीन सहित अन्य फसलों में रोग और कीट का प्रकोप शुरू होने पर ही इसका अलर्ट किसान को दे देगा.

उन्होंने बताया कि ये दोनों ऐप किसानों को फसल एवं मिट्टी में लगने वाले रोग की पहचान करने से लेकर उसका इलाज करने तक पूरी मदद करने में सक्षम हैं. इसका इस्तेमाल करने के दौरान किसानों को फसल में लगने वाले रोग या कीट की पहचान करने के लिए फसल की तस्वीर लेकर ऐप पर डालनी होगी. तस्वीर के माध्यम से ऐप रोग की पहचान कर सभी जरूरी जानकारी मुहैया करा देगा.

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इन फसलों के लिए कारगर है ऐप

डाॅ. रावत ने बताया कि कृष‍ि सेवा ऐप की मदद से आलू, गेहूं, चावल, सोयाबीन और सरसों की फसलों के रोग एवं कीट प्रबंधन में कारगर तरीके से किया जा सकता है. वहीं, क्रॉप डॉक्टर ऐप खासतौर से सोयाबीन की फसल एवं खेत की मिट्टी को निरोग रखने से जुड़े संपूर्ण प्रबंधन के लिए तैयार किया गया है. देशभर के सोयाबीन किसान उपज बढ़ाने में इस ऐप का कारगर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि देश में किसानों के सामने फसल प्रबंधन के दौरान सबसे बड़ी समस्या रोग और कीट की सही पहचान करने की है. जो किसान मित्र कीट और शत्रु कीट के बारे में नहीं जानते हैं, वे फसल में लगने वाले रोग की भी सही पहचान नहीं कर सकते हैं. इस कारण से अधिकांश किसान गलत दवाओं का इस्तेमाल करके अपनी फसल की उपज को बहुत कम कर लेते हैं.

इस स्थिति से निपटने में ये दोनों मोबाइल ऐप किसानों के सच्चे मददगार बनेंगे. उन्होंने बताया कि ये ऐप पूरी तरह से विकसित कर लिए गए हैं. इनको लांच करने से पहले Copyright संबंधी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं.

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