
बिहार सरकार का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय बीएयू सबौर खेती में नए-नए प्रयोग करता रहता है. वहीं अब तक बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक एक्स-रे डिफ्रैक्शन (XRD) मशीन को इंडियन साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग फैसिलिटीज मैप (I-STEM) की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन इंस्ट्रूमेंट (ODOI)’ श्रेणी में शामिल किया गया है. जिसके बाद अब बीएयू सबौर चुनिंदा संस्थानों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्हें जिले और देश भर के शोधार्थियों, वैज्ञानिकों और औद्योगिक संस्थानों को अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरण सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बीएयू सबौर की ओर से मिली जानकारी के अनुसार XRD उपकरण शोध के क्षेत्र में सबसे उन्नत विश्लेषणात्मक सुविधाओं में से एक है. इसका उपयोग वैज्ञानिक और शोधार्थी मृदा खनिज विज्ञान, क्रिस्टलोग्राफी, सामग्री विश्लेषण, नैनोमटेरियल अनुसंधान और कृषि-इनपुट की गुणवत्ता परीक्षण जैसे विविध क्षेत्रों में करते हैं. वहीं, हाल के समय में ओडीओआई में उपकरण को शामिल किया गया है. वहीं, विश्वविद्यालय ने बताया कि आई-स्टेम पोर्टल के माध्यम से इस उपकरण को बाहरी उपयोगकर्ताओं के लिए भी उपलब्ध रखा जाएगा.
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति ने कहा कि आई-स्टेम के वन डिस्ट्रिक्ट वन इंस्ट्रूमेंट श्रेणी में XRD उपकरण का शामिल होना बीएयू सबौर की वैज्ञानिक क्षमता में निरंतर वृद्धि और पूरे क्षेत्र को उन्नत शोध अवसंरचना उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ऐसे सम्मान विश्वविद्यालय की पूर्वी भारत में अत्याधुनिक शोध, नवाचार और क्षमता निर्माण के केंद्र के रूप में भूमिका को और मजबूत करते हैं.
I-STEM के अंतर्गत ODOI पहल का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक उच्च-स्तरीय वैज्ञानिक उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि शोध कार्य सुचारू तरीके से आगे बढ़ाया जा सके. वहीं इस राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा बनने से बीएयू सबौर वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देगा और महंगे उपकरणों की अनावश्यक पुनरावृत्ति को रोकते हुए शोध निवेश की दक्षता बढ़ाएगा. बीएयू सबौर के XRD उपकरण को ओडीओआई की श्रेणी में शामिल होने के बाद से बिहार की शोध पारिस्थितिकी के विकास को गति मिलेगी. साथ ही विश्वविद्यालय की कृषि अनुसंधान में अग्रणी भूमिका को और मजबूत करेगी.