इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक तमिलनाडु में बीजेपी को इस बार 22 परसेंट से अधिक वोट मिल सकता है. पिछले साल बीजेपी को मात्र 3 फीसदी वोट मिले थे, जबकि इस बार 22 परसेंट का अनुमान है. कांग्रेस का वोट परसेंट 52 से घटकर 46 परसेंट हो सकता है. यहां कांग्रेस को 6 परसेंट का नुकसान हो सकता है. यहां एनडीए को 2 से 4 सीटें मिल सकती हैं जबकि इंडिया गठबंधन को 33-37 सीटें और एआईएडीएमके को 0-2 सीटें मिल सकती हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, केरल में एनडीए को 2-3, यूडीएफ को 17-18 और एलडीए को 0-1 सीटें मिल सकती हैं. कर्नाटक में एनडीए को 23-25 तो इंडिया गठबंधन को 3-5 सीटें मिल सकती हैं.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में तमिलनाडु में बीजेपी को 2 से 4 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक को 33 से 37 सीटें मिलने की बात कही गई है. इसी तरह से कर्नाटक राज्य में बीजेपी को फायदा होता नजर आ रहा है. यहां पर बीजेपी को 20 से 22 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. जबकि कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता हुआ नजर आ रहा है. कांग्रेस को यहां पर 3 से 5 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. इसी तरह से केरल में बीजेपी को 2 से 3 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. जबकि यूडीएफ के खाते में 17 से 18 सीटें मिलने का अनुमान है. अगर यह आंकड़ा सही साबित हुआ तो बीजेपी केरल में अपना खाता खोल सकती है.
अगर बात तेंलगाना की करें तो यहां पर बीजेपी को बड़ा फायदा नजर आ रहा है. एग्जिट पोल के अनुसार तेलंगाना की 17 में से 11 से 12 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. वहीं इंडिया ब्लॉक को 4 से 6 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. वहीं ओवैसी की एआईएमआईएम को इस बार एक सीट मिलती हुई नजर आ रही है. तेलंगाना में बीजेपी का वोट शेयर भी बढ़ा है. इसमें 24 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह 43 फीसदी पर पहुंच गया है.
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दक्षिण भारत में 2019 के चुनाव परिणामों को देखें तो तमिलनाडु में 39 सीटों में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली जबकि कांग्रेस को 8 और अन्य को 31 सीटें मिलीं. अन्य में यहां के सभी क्षेत्रीय दल हैं. कर्नाटक की 28 सीटों में बीजेपी को 25, कांग्रेस को 1 और अन्य को 2 सीटें मिलीं. आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में बीजेपी और कांग्रेस का खाता नहीं खुला और सभी सीटों पर क्षेत्रीय दल जीते. तेलंगाना की 17 सीटों में 4 बीजेपी, 3 कांग्रेस और 10 अन्य को मिले. केरल की 20 सीटों में कांग्रेस को 15, बीजेपी को 0 और अन्य को 5 सीटें मिलीं. पुडुचेरी एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. लक्षद्वीप की एक सीट अन्य के खाते में और अंडमान निकोबार की एक सीट कांग्रेस को मिली.
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तमिलनाडु में हुए लोकसभा चुनाव में 39 सीटों पर कई प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं. 2024 के तमिलनाडु चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), अन्नाद्रमुक और इंडिया ब्लॉक के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है, जिसमें द्रमुक, कांग्रेस और अन्य दल शामिल हैं.
कर्नाटक के लिए 2019 के लोकसभा एग्जिट पोल में BJP के मजबूत प्रदर्शन की भविष्यवाणी की गई थी, जिसने अंततः 25 सीटें जीतीं. हालांकि, अन्य दलों के प्रदर्शन के मामले में वास्तविक परिणाम एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों से अलग थे. कांग्रेस पार्टी, जिसके बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, उसे केवल 1 सीट मिली, जबकि जेडीएस और एक निर्दलीय उम्मीदवार को 1-1 सीट मिली.
आंध्र प्रदेश के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल ने दिखाया कि राज्य की पार्टियों, वाईएसआरसीपी और टीडीपी को क्रमशः 18 और 7 सीटों के साथ सभी 25 सीटें मिलीं. हालांकि, एग्जिट पोल के नतीजे संख्याओं के हिसाब से बिल्कुल सटीक नहीं थे क्योंकि वाईएसआरसीपी और टीडीपी को क्रमशः 22 और 3 सीटें मिलीं. यहां केवल दो पार्टियां ही जीत हासिल कर सकीं.
तेलंगाना में चले लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर कई प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं. तीन सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं और दो सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. चुनाव 13 मई को एक ही चरण में हुए थे. तेलंगाना में लोकसभा चुनाव के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस, इंडिया ब्लॉक और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
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भारतीय जनता पार्टी यानी कि BJP उत्तर और पश्चिम में पहले से ही प्रमुख ताकत है. इस बार पूर्व और दक्षिण में अपने पैर पसारने के लिए बीजेपी कड़ी मेहनत करती दिखी, जहां कई राज्यों में विपक्षी दलों का शासन है. ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भी आम चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव हुए हैं. ओडिशा में, नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी सरकार एक और कार्यकाल की मांग कर रही है. आंध्र प्रदेश के लिए बीजेपी ने सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के लिए एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी के साथ गठबंधन किया है.