पॉलिशिंग एवं प्रोसेसिंग फेज में जिन पोषक तत्वों को सामान्य चावल खो देते हैं, वे सब तत्व ‘फोर्टिफाइड राइस’ में संरक्षित रहते हैं. फोर्टिफाइड चावल के इन फायदों को देखते हुए योगी सरकार इसके इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा दे रही है. इस क्रम में ‘फोर्टिफाइड चावल’ के वितरण को यूपी में प्रभावी रूप से सुचारू रखने की दिशा में योगी सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए ब्लेंडर युक्त चावल मिलों को धान आवंटित करना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार की राइस फोर्टिफिकेशन योजना के दूसरे चरण में यूपी के 60 जिलों में 64,365 राशन की दुकानों को चुना गया है. इनमें National Food Safety Act (एनएफएसए) के तहत 46.10 लाख मीट्रिक टन चावल का वार्षिक आवंटन कर 12 करोड़ लाभार्थियों को वितरित करने का प्रयास किया जाएगा.
सरकार का दावा है कि इस साल जुलाई तक प्रदेश के हर जिले में एनएफएसए लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. गौरतलब है कि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या का मुख्य भोजन चावल है और दुनिया में 22 प्रतिशत उत्पादन के साथ भारत, चावल का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता भी है. ऐसे में लोगों में भोजन के जरिए पोषण प्रतिपूर्ति को सुचारू रखने की दिशा में Fortified Rice की अहम भूमिका है.
आमतौर पर मिलिंग और प्रोसेसिंग प्रक्रिया के दौरान चावल में मौजूद वसा और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परत हट जाती है. वहीं ब्लैंडिंग प्रोसेस से तैयार होने वाले फोर्टिफाइड राइस में प्रोसेसिंग के दौरान ये सभी गुण सुरक्षित रहते हैं.
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यूपी में 18 मंडलों के 75 जिलों में 2011 की जनगणना के अनुसार 19.98 करोड़ लोग निवास करते हैं. ऐसे में, प्रदेश के 15.05 एनएफएसए लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके तहत मार्च 2024 तक प्रदेश में 1718 ब्लेंडर युक्त चावल मिलों के जरिए 79,365 राशन की दुकानों द्वारा 3.61 करोड़ राशन कार्ड धारक परिवारों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराया जाएगा.
इससे पहले यूपी में वर्ष 2021 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चंदौली और वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक में 102 चावल मिलों के जरिए 1823 आंगनवाड़ी, 865 राशन की दुकानों समेत आम जन भी इसका लाभ उठा चुके हैं. इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में पहले चरण में 3.96 करोड़ लोगों तक फोर्टिफाइड चावल का लाभ पहुंचाया गया है.
केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशन में यूपी में फोर्टिफाइड चावल के वितरण का काम तीन चरणों में किया जाना है. पहले फेज में मार्च 2022 तक पूरे देश में आईसीडीएस और पीएम पोषण योजना को प्रभावी रूप से सुचारू किया गया. वहीं, दूसरे चरण में अधिक आबादी वाले जिलों में अन्य कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है. तीसरे चरण में मार्च 2024 तक सभी जिलों तक सुचारू रूप से फोर्टिफाइड राइस उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जा रही है.
इसके लिए प्रदेश के 73 जिलों में फोर्टिफाइड राइस के आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. फिलहाल, यूपी में फोर्टिफाइड चावल की मासिक आवश्यकता 4.95 लाख मीट्रिक टन है. इसके सापेक्ष यूपी में कुल 24.56 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध है.
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केंद्र सरकार की से दी गई जानकारी के मुताबिक देश में 2022-23 के खरीफ विपणन सीजन में भारत सरकार द्वारा धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है. इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संचालन के तहत 19 जून 2023 तक केंद्रीय पूल के लिए 830 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है.
धान की खरीद से अब तक 1.22 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और एमएसपी के एवज में 200 करोड़ रुपये का किसानों को भुगतान हुआ है. इस दौरान फोर्टिफाइड राइस के प्रोडक्शन और विपणन को व्यापक स्तर पर प्राथमिकता दी गई है.