लखनऊ के विश्व प्रसिद्ध महिलाबाद दशहरी आम के निर्यात (Mango Export) को बढ़ावा देने की तैयारी है. इस क्रम में लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने आगामी आम के मौसम में लखनऊ से आम के निर्यात को बढावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. बैठक के बाद लखनऊ की कमिश्नर जैकब ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आम सीजन के दौरान किसानों के सुख सुविधा और आमदनी पर विशेष ध्यान दिया जाए. किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं आपस मे समन्वय बनाकर कार्य करे. वहीं किसानों और आम उत्पादकों को प्रशिक्षण देकर जागरूक भी किया जाए.
1. मई, जून, जुलाई और अगस्त में रेल वैगन, कोल्ड वैगन हैदराबाद, मुंबई और बंगलौर के लिए एक दिन के अतंर पर उपलब्ध कराया जाएगा.
2. आम फल निर्यातकों को वायुमार्ग से निर्यात की सुविधाएं, एयरपोर्ट कार्गो उपलब्ध होगा.
3. ड्राई पोर्ट कानपुर से पेरोशबल प्रोडक्ट के लिए कार्यों की व्यवस्था बनाए जाने/पेरोशबल प्रोडक्ट को प्रिफरेंस दिए जाएंगे.
4. आम एवं ताजी सब्जियों को उत्पादकों, किसानों से सीधा खरीदा जाएगा.
5. मैंगों पैक हाउस को क्रियाशील किए जाने के सम्बन्ध में गहनता पूर्वक विचारविमर्श करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया हैं.
आम के सीजन में भारी मात्रा में आम फल बैंगलोर, मुंबई और हैदराबाद को ट्रेन से भेजा जाता है, लेकिन आम फल को भेजने के लिए अलग से व्यवस्था न होने के कारण आम उत्पादकों को पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाता है, जिससे आम के उत्पादकों को समस्या होती है. आम के विपणन और व्यापार का यह कार्य हर साल जून, जुलाई और अगस्त के तीन माह तक होता है.
कमिश्नर ने डीआरएम से अनुरोध किया कि तीन माह जून, जुलाई और अगस्त के लिए लखनऊ से इन स्थानों को जाने वाली ट्रेनों में आम फल को भेजने के लिए एक अलग रेफ्रिजरेटेड वैगन उपलब्ध करायें. इसमें स्थान/वैगन की बुकिंग आम उत्पादक सहकारी समितियों की तरफ से करा ली जाएगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश और देश में करीब 70 फीसदी लोग आज भी दशहरी आम का ही स्वाद पसंद करते हैं. मलिहाबाद क्षेत्र को दशहरी का ज्योग्रफिकल इंडिकेटर (जीआई) भी प्राप्त है. यहां का दशहरी आम अपनी मिठास के लिए जाना जाता है. आम उत्पादन का यह क्षेत्र मलिहाबाद, माल, काकोरी और बख्शी का तालाब विकास खण्डों में स्थित है.
आम का यह उत्पादन क्षेत्र उन्नाव, सीतापुर तक फैला है. दरअसल, बाजार में जब भी वो आम खरीदने जाते हैं तो उनकी पहली पसंद दशहरी ही होता है. हालांकि अब नई वैरायटी के आम एक-एक करके दशहरी को पीछे छोड़ते जा रहे हैं. लेकिन दशहरी का अपना स्वाद आज भी बरकरार है.
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