उत्तर प्रदेश के किसान अब होंगे ग्लोबल, आलू और आम बनेंगे विकास की सीढ़ी: यूपी उद्यान मंत्री

उत्तर प्रदेश के किसान अब होंगे ग्लोबल, आलू और आम बनेंगे विकास की सीढ़ी: यूपी उद्यान मंत्री

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अब वैश्विक बाजार के द्वार खुल गए हैं. केंद्र सरकार ने आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दे दी है. यह केंद्र आलू और कंदीय फसलों के अनुसंधान, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी. उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट से आम सीधे विदेशों तक पहुंचेंगे. यह पहल उत्तर प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में दोनों एक बड़ा कदम है.

dinesh pratap singhdinesh pratap singh
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jun 26, 2025,
  • Updated Jun 26, 2025, 5:57 PM IST

केंद्र सरकार ने आगरा के सिंगना में 'इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP)' के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को हरी झंडी दे दी है. इस ऐतिहासिक निर्णय पर उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने केंद्र सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला न केवल राज्य के लाखों किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, बल्कि देश और पूरे दक्षिण एशिया के कृषि परिदृश्य को भी नई दिशा देगा.

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आलू की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) से हुई है. यह गर्व की बात है कि उत्तर प्रदेश अब इस वैश्विक संस्थान का तीसरा महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है. अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र का दूसरा प्रमुख केंद्र चीन में स्थित है, और अब भारत में इसका तीसरा केंद्र उत्तर प्रदेश में स्थापित किया गया है. इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग ने 25 एकड़ भूमि आवंटित की है.

अनुसंधान, प्रसंस्करण और निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

यह नया केंद्र आलू, शकरकंद और अन्य कंदीय फसलों पर अनुसंधान, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. इस फैसले ने न केवल राज्य के किसानों को गर्व की अनुभूति कराई है, बल्कि वैश्विक कृषि मानचित्र पर उत्तर प्रदेश की एक नई पहचान भी सुनिश्चित की है. यह केंद्र आलू अनुसंधान, विकास और किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता आएगी.

राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि यह अत्याधुनिक केंद्र अधिक उपज देने वाली, पोषणयुक्त और जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास में मदद करेगा. इससे राज्य के किसान वैश्विक स्तर की आधुनिक कृषि तकनीकों और शोध से सीधे लाभान्वित होंगे. कंदीय फसलों में विविधीकरण से खेती की लागत कम होगी, उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय में ठोस बढ़ोतरी होगी.

यह बेहद अहम है क्योंकि उत्तर प्रदेश देश के कुल आलू उत्पादन का 26 फीसदी हिस्सा पैदा करता है और भारत में 13 फीसदी  क्षेत्रफल पर इसकी खेती की जाती है. ऐसे में यह केंद्र न केवल राज्य, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए अनुसंधान और तकनीकी नवाचार का एक प्रमुख हब बनेगा.

कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था से बदल गई तस्वीर

दिनेश सिंह ने कहा, एक समय था जब आलू उत्पादक किसान अपनी मेहनत की उपज को सड़कों पर फेंकने को मजबूर थे, क्योंकि उन्हें भंडारण की कोई उचित व्यवस्था नहीं मिल पाती थी. परंतु मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के अनुसार, वर्ष 2017 के बाद सरकार की सक्रिय पहल से प्रदेश में 2300 कोल्ड स्टोरेज की सुविधा विकसित की गई है. और अकेले आगरा में 1000 कोल्ड स्टोरेज हैं. इस कुशल भंडारण प्रबंधन के परिणामस्वरूप अब किसानों को उनकी फसल का उचित दाम भी मिल रहा है और फसल की बर्बादी भी रुकी है. यह कुशल नीति-निर्माण का  परिणाम है.

आम महोत्सव से मिलेगी वैश्विक पहचान

राज्य सरकार ने आम उत्पादक किसानों को अंतरराष्ट्रीय मंच देने की दिशा में भी एक सशक्त कदम उठाया है. आगामी 4 से 6 जुलाई तक एक भव्य आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 800 से अधिक आम की किस्मों का प्रदर्शन किया जाएगा. यह महोत्सव किसानों के लिए नए बाजार, निर्यात अवसर और उपभोक्ताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करने का एक सशक्त मंच बनेगा. मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह महोत्सव उत्तर प्रदेश के आम विश्व प्रसिद्ध किस्मों की ब्रांडिंग को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा. इससे न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.

जेवर एयरपोर्ट से आम सीधा विदेश जाएगा

उत्तर प्रदेश में आम के निर्यात की अपार संभावनाओं को पहचानते हुए मंत्री ने बताया कि आने वाले समय में नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से राज्य का आम सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाया जाएगा. वर्तमान में समुद्री मार्ग से भेजा जा रहा आम परिवहन की उच्च लागत और समय की बाधाओं से जूझ रहा है. लेकिन हवाई मार्ग खुलते ही यह चुनौती समाप्त हो जाएगी और राज्य का आम नई ऊंचाइयों को छुएगा, जिससे किसानों की आय में और अधिक वृद्धि होगी.

आलू और आम उत्पादन में उत्तर प्रदेश पहले से ही अग्रणी भूमिका में है. लेकिन अब वैज्ञानिक नवाचार, वैश्विक सहयोग और सरकारी योजनाओं के संयुक्त प्रयास से यह राज्य कृषि निर्यात का एक वैश्विक केंद्र बन सकता है. यह पहल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक बहुत बड़ा और निर्णायक कदम होगा है.

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