सरकारी गोदाम भरने का सबसे बड़ा टारगेट लेने के बावजूद गेहूं खरीद में काफी पीछे रहा पंजाब इस सीजन में पहली बार सबसे आगे निकल गया है. इसने हरियाणा और मध्य प्रदेश को पछाड़ दिया है. अब तक देश में 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जिसमें पंजाब की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 47,13,914 मीट्रिक टन है. दूसरे नंबर पर हरियाणा है जहां अब तक 46,18,309 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. पंजाब को सबसे अधिक 130 लाख मीट्रिक टन, जबकि हरियाणा को 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं बफर स्टॉक के लिए खरीदा है. इस वर्ष गेहूं का सरकारी स्टॉक 16 साल के न्यूनतम स्तर पर है. बफर स्टॉक के नॉर्म्स से मामूली अधिक ही गेहूं सरकार के पास मौजूद है. ऐसे में सरकार पर इसकी खरीद करने का काफी दबाव है. क्योंकि खरीद नहीं होगी तो 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन कैसे दिया जाएगा.
रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 की शुरुआत में गेहूं खरीद के मामले में मध्य प्रदेश सबसे आगे था. हालांकि अब वो खरीद के मामले में तीसरे नंबर पर चला गया है. यहां 26 अप्रैल तक 28,96,119 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. मध्य प्रदेश में किसानों को गेहूं की एमएसपी 2275 रुपये पर 125 रुपये का बोनस मिल रहा है. इस तरह यहां सरकारी दाम 2400 रुपये क्विंटल है. राजस्थान में भी बोनस के साथ सरकारी दाम 2400 रुपये दिया जा रहा है. हालांकि यहां पर अब तक सिर्फ 2,85,621 मीट्रिक टन की ही खरीद हो सकी है.
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देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक उत्तर प्रदेश है, जो पूरे देश में 30 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी रखता है. यह सरकारी खरीद के मामले में चौथे स्थान पर है. यहां पर अब तक सिर्फ 4,58,005 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीदा जा सका है. देश में सबसे कम गेहूं की खरीद उत्तराखंड में है. यहां अब तक मात्र 101.35 मीट्रिक टन गेहूं ही एमएसपी पर खरीदा गया है. दूसरी ओर बिहार में 4,572 मीट्रिक टन की खरीद हुई है. इस साल सरकार ने 372.9 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है.
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 में अभी तक 32,19,254 किसानों ने गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. इस मामले में मध्य प्रदेश सबसे आगे है. यहां रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की संख्या 15,45,038 हो गई है. हरियाणा में 7,36,731 किसानों ने सरकार को गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. इसी तरह पंजाब में 4,20,064, उत्तर प्रदेश में 3,53,829 और राजस्थान में 1,34,327 किसान रजिस्टर्ड हुए हैं.
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