डायबिटीज सहित इन 5 रोगों में फायदेमंद है लीची, पूरी डिटेल्स समझिए

डायबिटीज सहित इन 5 रोगों में फायदेमंद है लीची, पूरी डिटेल्स समझिए

लीची के पेड़ की छाल, पत्ते और बीज कई रोगों के निदान में असरकारक माने जाते हैं. आईए जानते हैं कि लीची किन पांच रोगों से निदान दिलाने में कारगर है.दरअसल, आयुर्वेद में लीची सिर्फ अपने अच्छे स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी जानी जाती है. लीची को गर्म प्रकृति वाला फल माना जाता है. बताया गया है कि यह फल गठिया के दर्द, वात तथा पित्त दोष को कम करने में मदद करता है.  

लीची फायदे
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 07, 2024,
  • Updated May 07, 2024, 7:20 PM IST

गर्मी के सीजन में आम के साथ ही लीची भी बाजार में आ जाती है. अपने स्वाद, मिठास और औषधीय गुणों की वजह से यह लोगों का पसंदीदा फल है. कुछ लोग इसको पेड़ पर उगने वाला रसगुल्ला भी कहते हैं. हालांकि मीठा होने की वजह से शुगर रोगी इसे खाने से परहेज करते हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञ ऐसा लिखते हैं कि लीची (litchi) के सेवन से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है. लीची के पेड़ की छाल, पत्ते और बीज कई रोगों के निदान में असरकारक माने जाते हैं. आईए जानते हैं कि लीची किन पांच रोगों से निदान दिलाने में कारगर है. दावा किया गया है कि लीची के बीज में विषनाशक और दर्द निवारक गुण होते हैं. लीची मुंह के रोग में लाभकारी होने के साथ शुगर में भी फायदेमंद है.  

दरअसल, आयुर्वेद में लीची सिर्फ अपने अच्छे स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी जानी जाती है. लीची को गर्म प्रकृति वाला फल माना जाता है. बताया गया है कि यह फल गठिया के दर्द, वात तथा पित्त दोष को कम करने में मदद करता है.  इसके पत्तों में  कीट-दंश-नाशक गुण होते हैं.इसके पेड़ की लग-अलग चीजें अलग-अलग रोगों के निदान में असरदार बताई गईं हैं. इसलिए इसे सिर्फ मीठा समझकर नजरअंदाज करने की जरूरत नहीं है.

लीची के फायदे

वायरल बीमारियां में लीची फायदेमंद बताई गई है. यह बीमारी तब होती है जब पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है. लीची में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण होता है. साथ ही यह आपके पाचन को सुधारते हुए आपके शरीर को इस लायक बनाती है कि वह खुद इन बीमारियों से लड़ सके और स्वस्थ रहे. इसलिए लीची का सेवन फायदेमंद बताया गया है.

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मुंह के छाले में भी लीची के फायदे हैं

अक्सर खान-पान में बदलाव होने या अन्य गड़बड़ी के कारण मुंह में छाले पड़ जाते हैं. यही नहीं कुछ लोगों के मुंह से बदबू आने की समस्या भी हो जाती है. इसके लिए लीची के पेड़ की छाल बहुत फायदेमंद बताई गई है. लीची के पेड़ की जड़ या तने की छाल का काढ़ा बना लें. दावा है कि इसका कुल्ला करने से मुंह के रोग को खत्म करने में लाभ पहुंचता है.

तांत्रिका तंत्र बीमारी के कारण मरीज का अपने अंगों पर नियंत्रण नहीं रहता है. शरीर के अंग, जैसे- हाथ, पैर, चेहरा आदि बिना किसी कारण हरकत करने लगते हैं. इसमें भी लीची के फायदेमंद होने का दावा किया गया है. लीची के बीज का प्रयोग तंत्रिका-तंत्र विकारों के इलाज में कर सकते हैं. दावा है कि इसके सेवन से लाभ मिलता है.


लीची का सेवन आंतों के लिए फायदेमंद है. आंतों के अस्वस्थ होने पर पेट में दर्द, एसिडिटी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. इसके साथ ही बदहजमी, दस्त, उल्टी आदि जैसी परेशानियां भी होने लगती हैं. ऐसे में लीची फल, मज्जा या गूदे (2-4 ग्राम) को कांजी में पीस लें. इसका सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं से राहत मिलने लगती है.


मौसम के बदलाव के कारण कई बार गले में दर्द होने लगता है, जिसके कारण बुखार भी आ जाता है. इस बीमारी में लीची खाने से फायदा मिलता है. लीची के पेड़ की जड़, छाल और फूल का काढ़ा बना लें. इसे गुनगुना करके गरारा करें, इससे गले का दर्द ठीक हो जाता है. यानी लीची का सेवन कंठ रोग के लिए भी फायदेमंद है.

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