दाल की कीमतें और महंगाई कम करने के लिए केंद्र सरकार ने देसी चने से आयात शुल्क हटा दिया है. लेकिन अब इसके असर से किसानों को नुकसान होने लगा चने के प्रमुख उत्पादक महाराष्ट्र में इसके दाम में भारी गिरावट आ गई है. रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए चने का एमएसपी 5,440 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि इस आदेश के बाद कई मंडियों में चने का दाम 2300 से लेकर 3700 रुपये प्रति क्विंटल तक रह गया है. आयात शुल्क में यह छूट 31 अक्टूबर 2024 तक की के लिए दी गई है, इसलिए ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले दिनों में चने के दाम और गिर सकते हैं.
महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के मुताबिक 7 मई को धुले ज़िले की दोंडाईचा मंडी में चने का न्यूनतम दाम सिर्फ 3751 और अधिकतम दाम सिर्फ 5000 रुपये प्रति क्विंटल रहा. धुले जिले की ही साक्री मंडी में सिर्फ 40 क्विंटल चने की आवक के बावजूद न्यूनतम 2300 रुपये ही मिला. इसी तरह यवतमाल के नेर में सिर्फ 77 क्विंटल चने की आवक हुई, इसके बाद भी किसानों को न्यूनतम सिर्फ 3110 रुपये प्रति क्विंटल मिला.
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भारत दलहन फसलों का बड़ा आयातक है इसलिए अब सरकार इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है. नेफेड इसकी खरीद की एजेंसी है जो कई साल से किसानों से इसे खरीद रही है. केंद्र सरकार ने इस वर्ष चने की एमएसपी में 105 रुपये की वृद्धि की थी. सरकार ने बताया है चना उत्पादन में किसानों की लागत प्रति क्विंटल 3400 रुपये की आती है जबकि इसका एमएसपी उन्हें 5440 रुपये प्रति क्विंटल दी जा रही है. किसानों को उनकी लागत पर 60 प्रतिशत का लाभ दिया जा रहा है. वर्ष 2014-15 में इसका एमएसपी सिर्फ 3100 रुपये प्रति क्विंटल था.
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