देश के कई राज्यों में गेहूं की एमएसपी पर खरीद शुरू हो चुकी है. जिसकी वजह से दाम अब पहले से थोड़ा कम हो रहा है. लेकिन महाराष्ट्र में इसके उलट गेहूं का दाम रिकॉर्ड बना रहा है. यहां की अलग-अलग मंडियों में रेट 2500 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 3900 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहा है. महाराष्ट्र गेहूं का बड़ा उत्पादक नहीं है. यहां देश का मुश्किल से 2 प्रतिशत ही गेहूं पैदा होता है. इसलिए यहां पर गेहूं आमतौर पर महंगा रहता है. लेकिन जब नया गेहूं आने का सीजन होता है और दूसरे राज्यों में एमएसपी पर खरीद शुरू हो जाती है तब रेट थोड़ा कम होने का अनुमान रहता है. लेकिन इस बार रेट अभी भी बहुत हाई है.
राज्य की ज्यादातर मंडियों में गेहूं का दाम एमएसपी के मुकाबले 25 से 30 परसेंट ज्यादा है. मुम्बई की वसई मंडी में 4 अप्रैल को 215 क्विंटल गेहूं की आवक हुई थी. यहां गेहूं का न्यूनतम रेट 2860, अधिकतम दाम 3890 और और औसत भाव 3450 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि सरकार ने वर्तमान वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. जानकारों का कहना है कि राज्य में गेहूं का कम उत्पादन और खपत ज्यादा होने की वजह से यहां पर दूसरे राज्यों के मुकाबले दाम ज्यादा रहता है.
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महाराष्ट्र के किसान प्याज की खेती में लगातार हो रहे घाटे से परेशान होकर इस बार बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती की ओर रुख किया है. किसान लगातार यह कहते रहे हैं कि प्याज का दाम तय नहीं है जबकि गेहूं का दाम ठीक-ठाक मिलता है. इसलिए वह प्याज की खेती छोड़कर गेहूं की खेती करेंगे. इसलिए इस साल गेहूं की खेती बढ़ने का अनुमान है, हालांकि अभी इसके बारे में आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है. लेकिन महाराष्ट्र में प्याज की खेती घट गई है इसकी सरकारी रिपोर्ट में पुष्टि हो गई है.
(स्रोत: महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड)
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