विश्वराज शुगर कर्नाटक में 250 करोड़ लागत से खोलेगी चीनी मिल, किसानों को गन्ना बिक्री और भुगतान की दिक्कत दूर होगी 

विश्वराज शुगर कर्नाटक में 250 करोड़ लागत से खोलेगी चीनी मिल, किसानों को गन्ना बिक्री और भुगतान की दिक्कत दूर होगी 

कार्यकारी निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि नए प्लांट की प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना की पेराई क्षमता होने की उम्मीद है, जिससे पहले ऑपरेशनल सीजन में अनुमानित 5-6 लाख टन पेराई होगी.

नए प्लांट की प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना की पेराई क्षमता होने की उम्मीद है.नए प्लांट की प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना की पेराई क्षमता होने की उम्मीद है.
रिजवान नूर खान
  • Noida,
  • Feb 06, 2025,
  • Updated Feb 06, 2025, 2:05 PM IST

शुगर प्रोडक्शन में देश की अग्रणी कंपनी विश्वराज शुगर इंडस्ट्रीज (VSIL) कर्नाटक में नई चीनी फैक्ट्री खोलने की घोषणा की है. कंपनी ने कहा है कि नए प्लांट के लिए 250 करोड़ खर्च किए जाएंगे. इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 5000 टन गन्ना पेराई की होगी. इससे स्थानीय किसानों को गन्ना बिक्री में आसानी होगी और तेज भुगतान भी हो सकेगा. कंपनी ने कहा है कि यह चीनी फैक्ट्री अगले पेराई सीजन से ऑपरेशनल हो जाएगी और उससे पहले किसानों से गन्ना खरीद की जाएगी. 

विश्वराज शुगर इंडस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि कंपनी अपनी पेराई क्षमता और प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए नई चीनी फैक्ट्री स्थापित करने की योजना बनाई है और उस पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बेलगावी जिले के नवागे गांव में स्थित नया प्लांट अक्टूबर-नवंबर 2027 में चालू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई सीजन के दौरान परिचालन शुरू करेगा. प्लांट को चालू करने की समयसीमा अब से लगभग दो साल है और 2027-28 पेराई सीजन तक इसके पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है.

हर दिन 5 हजार टन गन्ना पेराई होगी 

कार्यकारी निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि नए प्लांट की प्रतिदिन 5,000 टन गन्ना की पेराई क्षमता होने की उम्मीद है, जिससे पहले ऑपरेशनल सीजन में अनुमानित 5-6 लाख टन पेराई होगी. उत्पादन का भविष्य का बाजार की मांग, गन्ने की उपलब्धता और समग्र इंडस्ट्री की स्थितियों पर निर्भर करेगा. यदि क्षेत्र में गन्ने की आपूर्ति में बढ़ोत्तरी होती है तो कंपनी उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर सकती है. 

मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस होगा प्लांट 

नए प्लांट में मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा, ताकि प्रोडक्शन क्षमताओं का विस्तार करने में आसानी हो. नया प्लांट पूरी तरह से ऑटोमेटिक सुविधा से लैस होगा, जिससे एफिशिएंसी में सुधार और संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए लेटेस्ट ऑटोमेटिक उपकरण शामिल होंगे. ऑटोमेशन का यह मॉडर्न लेवल मैन्युअल हस्तक्षेप को कम करेगा, क्वालिटी बेहतर होगी, कम परिचालन लागत के साथ ही अधिक उत्पादन हो सकेगा. 

किसानों को गन्ना बिक्री में आसानी होगी 

उन्होंने बताया कि नया प्लांट स्थापति होने से स्थानीय किसानों को गन्ना बिक्री में आसानी होगी और उन्हें उनकी वाजिब कीमत मिल सकेगी. इससे उनके ट्रांपोर्टेशन, समय में भी बचत होगी. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बनेंगे. लेकिन, ऑटोमेशन के हाई लेवल पर रहने का मतलब है कि पारंपरिक चीनी प्लांट की तुलना में कुल वर्कफोर्स की कम जरूरत होगी. हालांकि, रखरखाव, तकनीकी सहायता और प्लांट प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में नौकरियां उपलब्ध होंगी.

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