Punjab Flood: पंजाब में भारत-पाक सीमा के पास गांवों में हालात बदतर, डूब गईं धान और गन्‍ने की फसल

Punjab Flood: पंजाब में भारत-पाक सीमा के पास गांवों में हालात बदतर, डूब गईं धान और गन्‍ने की फसल

Punjab Flood: ब्यास नदी की सहायक नदी चक्की खड्ड के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण नदी में पानी बढ़ गया. इसके चलते जिससे इसके तटबंध टूट गए और होशियारपुर जिले के मुकेरियां उपमंडल के कई गांवों में खेत और निचले इलाके जलमग्न हो गए. टांडा क्षेत्र के गंडोवाल, रारा मंड, तल्ही, अब्दुल्लापुर, मेवा मियानी और फत्ता कुल्ला गांवों सहित निचले इलाकों में धान और गन्ने की फसलें पानी में डूब गई हैं जिससे किसानों में चिंता है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 25, 2025,
  • Updated Aug 25, 2025, 9:35 AM IST

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में शनिवार रात से हो रही भारी बारिश पंजाब के लिए भी मुसीबत बन गई है. इस बारिश की वजह से उझ और रावी नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ने से भारत-पाकिस्तान सीमा के पास कई गांवों पर खासा असर पड़ा है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि जलालियन नाले के पास सड़क का 30-40 फीट लंबा हिस्सा बह गया, जिससे ट्रैफिक पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि पानी कम होने के बाद मरम्मत का काम किया जाएगा. 

किसानों को मिलेगा मुआवजा  

पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारुचक ने रविवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों को भरोसा दिया कि राज्य सरकार किसी भी नुकसान के लिए मुआवजा देगी. उझ, रावी नदियों और मौसमी नालों में पानी के भारी प्रवाह के कारण भारत-पाक सीमा से लगे गांवों में स्थिति गंभीर है. कटारुचक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में कल रात से हो रही भारी बारिश के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे गांवों पर खासा असर पड़ा है. उन्होंने आगे कहा कि जलालियां पुल के टूटने से बामियाल क्षेत्र के कई गांव प्रभावित हुए हैं. उन्‍होंने बताया कि लगातार बारिश के कारण दीनानगर से कोहलिया होते हुए बामियाल जाने वाली सड़क भी प्रभावित हुई है. कटारूचक ने कहा कि राज्य सरकार फसल को हुए किसी भी नुकसान के लिए मुआवजा देगी. 

कई गांवों में डूबे खेत 

इस बीच, ब्यास नदी की सहायक नदी चक्की खड्ड के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण नदी में पानी बढ़ गया. इसके चलते जिससे इसके तटबंध टूट गए और होशियारपुर जिले के मुकेरियां उपमंडल के कई गांवों में खेत और निचले इलाके जलमग्न हो गए. मुकेरियां के सब डिविजन के अधिकारी (जल निकासी एवं खनन) सुखप्रीत सिंह ने कहा कि चक्की-मिरथल गेज पर चक्की खड्ड ब्यास नदी में लगभग 1.34 लाख क्यूसेक पानी ला रही है. नौशेरा-मिरथल गेज पर बहाव 1.04 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया जबकि मुकेरियां उपमंडल में ब्यास नदी में लगभग 2.5 लाख क्यूसेक पानी था. 

खेतों में घुसा पानी 

अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह पोंग बांध से 59,900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन बाद में शाम तक बहाव घटकर 23,700 क्यूसेक रह गया। बांध में प्रवाह लगभग 1.30 लाख क्यूसेक था, और इसका जल स्तर 1,382.50 फीट तक पहुंच गया. उन्होंने कहा कि ब्यास नदी का पानी मोतला, हलर्जनवर्धन, सनियाल, कोलियन और मेहताबपुर गांवों के पास कृषि क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है और कुछ आवासीय इलाकों के करीब भी पहुंच गया है. मुकेरियां के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अंकुर मोहिंद्रू ने कहा कि शनिवार रात से जलग्रहण क्षेत्र में लगातार भारी बारिश के कारण चक्की खड्ड में जल स्तर तेजी से बढ़ गया. 

रिहायशी इलाके फिलहाल सुरक्षित 

एसडीएम ने बताया कि नदी का पानी आस-पास के गांवों के खेतों और कुछ सड़कों में घुस गया है. अभी तक यह किसी भी रिहायशी घर में नहीं घुसा है लेकिन यह कुछ इलाकों के करीब पहुंच गया है. उन्होंने आगे कहा कि अगले कुछ घंटों में स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि जल स्तर कम होने लगेगा. प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और जरूरत पड़ने पर लोगों को निकालने का काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ परिवार खुद ही सुरक्षित स्थानों और अपने रिश्तेदारों के पास जा रहे हैं. 

गन्‍ना, धान किसान परेशान 

इस बीच, टांडा क्षेत्र के गंडोवाल, रारा मंड, तल्ही, अब्दुल्लापुर, मेवा मियानी और फत्ता कुल्ला गांवों सहित निचले इलाकों में धान और गन्ने की फसलें पानी में डूब गई हैं जिससे किसानों में चिंता है. इस बीच, कपूरथला के डीसी अमित कुमार पंचाल ने कहा कि प्रशासन ब्यास नदी के जल स्तर पर लगातार नजर रख रहा है और ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बढ़ते जल स्तर को देखते हुए मंड क्षेत्र के लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है. पंचाल ने बताया कि ऊपरी पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और मंड क्षेत्र के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए. जान-माल की सुरक्षा के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें पहले ही तैनात कर दी गई हैं. इसके अलावा, लोगों और पशुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी टीमें तैनात हैं.

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