पिछले महीने केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने अनुमान में फसल सीजन 2024-25 के दौरान गेहूं का उत्पादन 115.3 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया था यानी पिछले सीजन 2023-24 से 2 प्रतिशत ज्यादा है. अब संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग (USDA) ने भी अपनी एक रिपोर्ट में भारत में गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की बात कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तीसरा साल है जब भारत में लगातार रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है.
USDA ने कहा कि गेहूं उगाने वाले प्रमुख राज्यों में रिकॉर्ड रकबा बढ़ने और अच्छे मॉनसून के बाद अनुकूल मौसम स्थिति के चलेत 115 मिलियन टन होगा. यूएसडीए का कहना है कि घरेलू सप्लाई में सुधरने के बावजूद भी ऐसा संभावना नहीं है कि भारत निर्यात के प्रतिबंध हटाएगा. भारत ने बढ़ती कीमतों की चिंता के कारण मई 2022 में इसके निर्यात को बैन कर दिया था. हालांकि, भू-राजनीतिक कारणों से यह पड़ोसी देशों को गेहूं का निर्यात कर रहा है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, करनाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक रतन तिवारी ने कहा कि अभी जो हालात दिखाई दे रहे हैं, उसके मुताबिक गेहूं का उत्पादन 115 मिलियन टन के अनुमान से ज्यादा होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि सीजन में गेहूं की बुवाई पिछले साल के 31.56 मिलियन टन के मुकाबले बढ़कर 32 मिलियन टन रही, जो पिछले पांच साल के औसत बुवाई क्षेत्र से ज्यादा है.
वहीं, देशभर के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर सरकारी खरीद जारी है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य सरकार की एजेंसियों तमाम एजेंसियां 2025-26 मार्केटिंग सीजन (अप्रैल-जून) के लिए किसानों से गेहूं की खरीद कर रहीं है. शनिवार 5 अप्रैल तक के रिकार्ड की बात करें तो अब तक दो मिलियन टन (MT) से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है, जबकि पिछले साल इस समय तक सिर्फ 0.45 मिलियन टन गेहूं की खरीद हुई थी.
इस साल खरीद में उछाल मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में दो हफ्ते पहले गेहूं की खरीद शुरू होने और शुरुआती खरीद और ज्यादा आवक के कारण देखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात की मंडियों में इस अवधि तक 3.8 मिलियन टन गेहूं की आवक दर्ज की गई, जो पिछले साल तक इस समय सिर्फ 1.53 मिलियन टन ही थी. वहीं, अब अगले कुछ हफ्तों में पंजाब और हरियाणा में सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की आवक बढ़ने और ज्यादा खरीद होने की संभावना है. ये दो राज्य केंद्रीय पूल स्टॉक में ज्यादा योगदान देते हैं.