टमाटर के दाम ने इस साल रिकॉर्ड बना दिया है. पिछले एक महीने से इसका दाम कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इससे उपभोक्ताओं को थोड़ी परेशानी हुई है लेकिन किसानों ने अच्छी कमाई कर ली है. अभी मार्केट में टमाटर का दाम 200 रुपये किलो से अधिक ही है. महाराष्ट्र टमाटर के प्रमुख उत्पादकों में शामिल है और यहां जिन किसानों ने इसकी खेती की थी उन्हें बंपर मुनाफा मिला है. राज्य के नागपुर जिला स्थित रामटेक मंडी में तो किसानों को इसका 160 रुपये प्रति किलो तक का भाव मिला है. राज्य की अधिकांश मंडियों में किसानों को गुणवत्ता के हिसाब से 30 रुपये से लेकर 125 रुपये प्रति किलो तक का टमाटर का दाम मिल रहा है. इससे वो खुश हैं. लेकिन, बहुत कम किसान हैं जिनकी टमाटर की खेती बची है. किसानों का कहना है कि अगले एक महीने में दाम कम हो सकते हैं.
ऑल इंडिया वेजिटेबल ग्रोवर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट श्रीराम गाडवे का कहना है कि गर्मियों के सीजन में 90 फीसदी टमाटर की फसल लू से जल गई थी. अधिकतर किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. कई किसानों ने कीमतों में कमी के कारण इसकी खेती पहले से ही कम की थी. ऐसे में जनता को यह भी देखना चाहिए कि कुछ किसानों को तो फायदा मिल रहा है, लेकिन अधिकांश अभी भी घाटे में हैं, क्योंकि उनकी फसल खराब हो गई थी. इस समय नासिक जिले में टमाटर निकलना शुरू हुआ है. इसके अलावा जलगांव और जुन्नर में भी टमाटर निकलना शुरू हो गया है. उम्मीद है कि एक महीने में भाव कम हो जाएगा. लेकिन किसानों को इतना दाम तो मिलना ही चाहिए कि उन्हें घाटा न हो.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल देश में टमाटर का उत्पादन 73000 मीट्रिक टन कम हो गया है. लू, बाढ़, जरूरत से ज्यादा बारिश और कीटों के अटैक आदि से भी खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है और दाम इतना बढ़ गया है. दाम को काबू में रखने के लिए एनसीसीएएफ और नेफेड द्वारा कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश की मंडियों से टमाटर खरीदा जा रहा है. हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में ज्यादा बारिश से टमाटर की खेती बर्बाद हो चुकी है. इसलिए दाम काफी बढ़ गया है. अब दाम कम होने की उम्मीद नई फसल की आवक पर टिकी है.
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(स्रोत: महाराष्ट्र कृषि मार्केटिंग बोर्ड)