Sugarcane Farming : गन्ना कटाई में छोटी लापरवाही कर देगी किसानों का बड़ा नुकसान, ये टिप्स चीनी रिकवरी बढ़ा देंगे

Sugarcane Farming : गन्ना कटाई में छोटी लापरवाही कर देगी किसानों का बड़ा नुकसान, ये टिप्स चीनी रिकवरी बढ़ा देंगे

गन्ने की कटाई के दौरान कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि कटाई के दौरान की गई गलतियों से गन्ने का वजन कम हो सकता है और चीनी की रिकवरी घट सकती है. जबकि, गुड़ की गुणवत्ता खराब हो सकती है.

गन्ना कटाई तकनीकगन्ना कटाई तकनीक
जेपी स‍िंह
  • NEW DELHI,
  • Jan 07, 2024,
  • Updated Jan 07, 2024, 6:10 PM IST

इन दिनों गन्ने की कटाई चल रही है और गन्ने की उपज को मिलों पर भेजा रहा है. गन्ने की कटाई करते समय कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है, क्योकि कटाई के दौरान की गई गलतियों से गन्ने का वजन कम हो सकता है. इससे चीनी की रिकवरी कम हो सकती है और गुड़ की गुणवत्ता भी खराब हो सकती है. समय से पहले गन्ना की कटाई होने के कारण या कटाई में देरी के होने से भी गन्ने की फसल को नुकसान हो सकता है. इसलिए किसानों को कटाई के दौरान कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि नुकसान से बचा जा सके. 

कब की जाए गन्ने की कटाई?

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एसएन सिंह ने बताया कि उत्तर भारत में शरद ऋतु में बोए जाने वाले गन्ने की कटाई 15 महीने में की जाती है. जबकि, शुरुआती वसंत में बोए जाने वाले गन्ने की कटाई 10 महीने में कटाई होती है और मध्य में बोए जाने वाले गन्ने की कटाई 10-12 महीने में की जाती है. वहीं, देर से बोए जाने वाले गन्ने की कटाई 12 महीने के बाद की जाती है.

गन्ने की कटाई के लिए तैयार फसल की पहचान यह है कि जब गन्ने की पत्तियां पीली हो जाती हैं तो पौधों का विकास रुक जाता है. कलियां फूल जाती हैं और गन्ने की आंखें फूटने लगती हैं. यह समझ लेना चाहिए कि गन्ना पूर्ण रूप से पक गया हो तभी गन्ने की कटाई करनी चाहिए. इसके अलावा गन्ने का ब्रिक्स मूल्य 19.5 से 22.5 के बीच होना चाहिए. ब्रिक्स वैल्यू 18 या उससे अधिक होने पर गन्ना पूरी तरह से परिपक्व हो जाता है, जिससे  10 से 11 प्रतिशत तक चीनी की रिकवरी हो सकती है. अगर किसी गन्ने का ब्रिक्स मूल्य इससे कम होता है तो गन्ना पूरी तरह से परिपक्व नहीं होता है. इसकी जांच रेफ्रेक्टोमीटर मीटर से की जाती है.

गन्ने की कटाई का बेहतर तरीका 

वैज्ञानिक डॉ. एसएन सिंह ने बताया कि गन्ने की कटाई तेज चाकू, कटिंग ब्लेड या हाथ की कुल्हाड़ियों का उपयोग करके मैन्युअल रूप से की जाती है. इसके लिए कुशल श्रमिकों की जरूरत होती है, क्योंकि गन्ने की अनुचित कटाई से गन्ने और चीनी की उपज कम हो जाती है. गन्ने की रस की गुणवत्ता खराब हो जाती है और बाहरी पदार्थों के मिलने के कारण मिलिंग में समस्या आती है. जबकि, गन्ना की अगली पेड़ी की फसल में पैदावार कम होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके लिए जरूरी है गन्ने की कटाई जमीन की सतह से करनी चाहिए. गन्ने की कटाई यांत्रिक हार्वेस्टर द्वारा की जाती है जो गन्ने के पत्तेदार हिस्से को ऊपर से काटता है और गन्ने को छोटे टुकड़ों में काटता है. गन्ने के टुकड़ों को हार्वेस्टर बॉक्स में खींच लिया जाता है और 8 घंटे में 2.5 से 4 हेक्टेयर गन्ने की कटाई की जा सकती है. 

नुकसान से बचने के लिए ये ध्यान रखें 

गन्ने की कटाई 5  सेंटीमीटर के उपर की ऊचाई से गन्ना की कटाई करने पर प्रति एकड़ 1.5 से 2 क्विंटल का नुकसान होता है और 10 सेंटीमीटर की ऊचाई से कटाई करने पर प्रति एकड़ 3 से 4 क्विंटल गन्ना का नुकसान होता है. दूसरी ओर गन्ने की ऊपरी भाग जहां तक गन्ना की गुल्लियां हैं वहां तक कटाई करनी चाहिए. अपरिपक्व इंटरनोड्स काटकर हटा देना चाहिए. गन्ने की कटाई करके पूरी तरह से पत्तियों और गन्ने के नीचे लगी मिट्टी को साफ कर देना चाहिए ताकि मिलिंग के समय किसी भी तरह की परेशानी ना हो.

ये सावधानियां भी जरूर बरतें

कटे हुए गन्ने को ज्यादा देर तक खेतों में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे गन्ने की मात्रा में कमी और रस की गुणवत्ता में गिरावट हो सकती है. इससे चीनी और गुड़ की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है. अगर किसी कारण से गन्ने को खेत में रखना पड़े तो गन्ने को पत्तों से ढक दें और गन्ने को धूप से दूर रखें तथा गन्ने पर पानी का हल्का छिड़काव करते रहें. इस तरह सावधानी और टिप्स को अपना करके गन्ने की फसल की कटाई के समय  होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है. 

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