इस्मा यानी इंडियन शुगर मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि भारत ने 30 अप्रैल तक 256.90 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, और लगभग 19 चीनी मिलें अभी भी चालू हैं.
इस्मा के मुताबिक, मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में लगभग 10 चीनी मिलें अभी भी चालू हैं, जिनमें से 8 पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित हैं. इन मिलों के अगले 7 से 10 दिनों तक चालू रहने की उम्मीद है. गन्ने की बेहतर पैदावार ने उत्तर प्रदेश में गन्ने की उपलब्धता बढ़ा दी है, जिससे कुछ मिलें अपना पेराई का काम जारी रख पा रही हैं. इसके अतिरिक्त, सीजन की दूसरी छमाही में बेहतर चीनी रिकवरी के चलते चीनी का बेहतर उत्पादन हुआ है.
इस्मा ने एक प्रेस रिलीज में बताया है कि गन्ने के इस मुख्य सीजन में तमिलनाडु में 8 फैक्ट्रियां चालू हैं. जबकि महाराष्ट्र के पुणे में एक शुगर मिल मई महीने के दूसरे हफ्ते तक चालू रह सकती है. उत्पादन बढ़ाने के लिए, दक्षिण कर्नाटक और तमिलनाडु की कुछ फैक्ट्रियां जून/जुलाई से सितंबर 2025 तक विशेष सीजन के दौरान पेराई का काम फिर से शुरू करेंगी. ऐतिहासिक रूप से, कर्नाटक और तमिलनाडु सामूहिक रूप से विशेष सीजन में लगभग 4-5 लाख टन चीनी का उत्पादन करते हैं.
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चीनी उत्पादन का एक आंकड़ा National Federation of Cooperative Sugar Factories (NCCF) ने भी जारी किया है. एनएफसीएसएफ के अनुसार, 30 अप्रैल तक, देश भर में 19 चीनी मिलों में 2024-25 सीजन के लिए पेराई चल रही है. कुल 2758.57 लाख टन (एलएमटी) गन्ने की पेराई की गई है, जिसके चलते 256.95 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. इसकी तुलना में, पिछले सीजन में इसी अवधि के दौरान 23 चीनी मिलें चालू थीं, और पेराई 3115.12 लाख टन गन्ने तक पहुंच गई थी, जिससे 314.65 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था.
एनसीसीएफ के मुताबिक, चालू सीजन में 534 चीनी मिलों ने पेराई के काम में भाग लिया, जबकि पिछले सीजन में 535 चीनी मिलों ने पेराई काम में हिस्सा लिया था.
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चालू सीजन (अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025) के दौरान चीनी उत्पादन में गिरावट के बीच, केंद्र ने बुधवार को चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 15 रुपये (या 4.41%) बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. नया एफआरपी 1 अक्टूबर, 2025 से लागू होगा. यह सरकार की ओर से जारी अनिवार्य न्यूनतम मूल्य है जिसे चीनी मिलें किसानों को उनकी उपज के लिए भुगतान करने के लिए बाध्य हैं.